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UP में धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़, बाबा जमालुद्दीन समेत तीन गिरफ्तार

UP Religious Conversion Racket: उत्तर प्रदेश एटीएस ने एक संगठित धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. एडीजी एलओ अमिताभ यश ने बताया कि छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन खुद को हजरत जलालुद्दीन पीर बाबा के रूप में प्रोजेक्ट करता है. 

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UP में धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़, बाबा जमालुद्दीन समेत तीन गिरफ्तार
Zee Salaam Web Desk|Updated: Jul 05, 2025, 11:10 PM IST
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UP Religious Conversion Racket: उत्तर प्रदेश एटीएस ने एक संगठित धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए खुद को सूफी संत बताने वाले छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरोह पर विदेशी फंडिंग, करोड़ों की संपत्ति खरीद, प्रेमजाल और प्रलोभन के जरिए सैकड़ों लोगों का अवैध धर्मांतरण कराने का आरोप है.

उत्तर प्रदेश के एडीजी एलओ अमिताभ यश ने बताया कि छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन खुद को हजरत जलालुद्दीन पीर बाबा के रूप में प्रोजेक्ट करता है. जानकारी मिली थी कि वह बलरामपुर के उतरौला में धर्मांतरण का बड़ा नेटवर्क चला रहा था. इसकी जांच एसटीएफ ने की. 

उन्होंने आगे कहा कि जानकारी हुई कि ग्रुप के एजेंट युवाओं को प्रेमजाल में फंसाकर धर्मांतरण कराते हैं. इसके अलावा नाबालिगों का भी धर्मांतरण गैंग द्वारा करवाया गया. इनके 40 खातों में विदेशों से 100 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि प्राप्त हुई, जिसका इस्तेमाल धर्मांतरण के लिए किया गया.

 उन्होंने बताया कि सभी जानकारियों के साथ एक केस एसटीएफ ने दर्ज कराया है, जिसकी जांच एटीएस द्वारा कराई जा रही है. पूर्व में आजमगढ़ के देवगांव थाने में भी इस गिरोह के खिलाफ धर्मांतरण से जुड़ा मामला दर्ज है. एटीएस अब गिरोह के विदेशी कनेक्शन, फंडिंग स्रोत और नेटवर्क की गहन जांच कर रही है.

सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में और नामों का खुलासा हो सकता है. बलरामपुर जनपद के ग्राम मधपुर से उठे इस प्रकरण में बाबा और उसके साथियों ने मुंबई निवासी नवीन रोहरा और उसके परिवार का इस्लाम में धर्मांतरण कर उनके नाम क्रमशः जमालुद्दीन, नसरीन और सबीहा रखे. यही नहीं, लखनऊ की युवती गुंजा गुप्ता को भी प्रेमजाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन कराया गया और उसका नाम अलीना अंसारी रखा गया.

जांच में सामने आया है कि धर्मांतरण के लिए आर्थिक 'रेट' तय थी, उच्च जातियों की लड़कियों पर 15-16 लाख तक, पिछड़ी जातियों पर 10-12 लाख और अन्य वर्गों के लिए 8-10 लाख तक की धनराशि मिलती थी. गिरोह के सदस्यों ने करीब 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की और 40 से अधिक बैंक खातों के जरिए 100 करोड़ रुपए से अधिक का लेन-देन किया. एटीएस के अनुसार, छांगुर बाबा गिरोह गरीबों, असहायों को प्रलोभन और धमकी देकर धर्मांतरण के लिए मजबूर करता था। बात न मानने पर उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराने की रणनीति अपनाई जाती थी.

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