World Liver Day 2024: खराब जीवनशैली और शराब की लत के कारण भारत में हर पांच से एक आदमी फैटी लीवर जैसी बीमारी से ग्रसित हैं. इस मामले में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. डॉक्टरों ने शुक्रवार को 'वर्ल्ड लिवर डे' के मौके पर बढ़ते हेल्थ क्राइसिस से निपटने के लिए कहा कि जागरूकता बढ़ाने और सक्रिय माध्यम की जरूरत है. तभी जाकर इस समस्या से निपटा जा सकता है.
इस मौके पर डॉक्टरों ने कहा कि सेडेंटरी लाइफस्टाइल और शराब पीने की आदतों की वजह से फैटी लीवर के मामले बढ़ रहे हैं. हर पांच में से तकरीबन एक व्यक्ति फैटी लिवर से अफेक्टेड है. डॉक्टरों का कहना है कि फैटी लीवर को कभी एक छोटी-मोटी परेशानी के रूप में समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता था. लेकिन यह अब डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल से जुड़े मुद्दों और हृदय संबंधी बीमारियों समेत अंडरलाइंग हेल्थ जोखिमों के लिए एक पॉवरफुल इंडिकेटर बनकर उभरा है. इसके अलावा, स्टीटोहेपेटाइटिस, सिरोसिस और यकृत (लिवर) कैंसर जैसी सीरिय कॉम्पलिकेशन की तरफ ईशारा करती है.
फैटी लीवर के मरीज क्या खाएं और क्या नहीं......
फैटी लीवर से बचने के लिए लोगों को अपने जीवनशैली में कुछ बदलाव और पौष्टिक आहार का सेवन जरूरी है. रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी को शामिल कर लंबे वक्त तक फैटी लीवर के वृद्धि के जोखिम को कम किया जा सकता है. डॉक्टरों ने बताया कि फैटी लिवर के मरीज को, "फ्राइड फूड्स और चीनी का इस्तेमाल बहुत कम करना चाहिए. सब्जियां, दाल, प्रोटीन और जरूरत के मुताबकि वसा से भरपूर संतुलित आहार को अपनाना चाहिए."
डॉक्टर ने बताए ये उपाय
खाने में रोजाना सब्जियों के इस्तेमाल को शामिल करें, जिसमें पर्याप्त प्रोटीन सोर्स हों.जबकि खाने में घी, तले हुए खाद्य पदार्थों और मीठे व्यंजनों से परहेज कर फैटी लिवर जटिलताओं के जोखिम को कम करने में आसानी होगी. अमोर हॉस्पिटल के डॉ. राजा प्रसाद ने कहा, "रेगुलर एक्सरसाइज वजन को कंट्रोल में रखने में मदद करता है, जिससे लिवर की वर्किंग कैपेसिटी बढ़ती है और फैटी लिवर का खतरा कम होता है."