Donald Trump: प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को गाजा पर "कठोर रुख" अपनाने की वकालत की है. इससे पहले उन्होंने फिलिस्तीनी इलाके के लिए अमेरिकी कब्जे का प्रस्ताव दिया था. फिलहाल गाजा में हमास और इजराइल के बीच जंग रुकी हुई है और सीजफायर लागू है.
ट्रम्प ने इस सप्ताह कहा था कि हमास को शनिवार दोपहर तक गाजा में सभी इजरायली बंधकों को रिहा कर देना चाहिए, अन्यथा "नरक टूट पड़ेगा." वहीं अब शुक्रवार को उन्होंने कहा,"मुझे नहीं पता कि कल (शनिवार) 12 बजे क्या होने वाला है. अगर यह मेरे ऊपर होता, तो मैं बहुत कड़ा रुख अपनाता, लेकिन मैं आपको यह नहीं बता सकता कि इजरायल क्या करने जा रहा है."
ट्रंप के इस बयान से प्रतीत होता है कि इजराइल और अमेरिका कुछ प्लान कर रहे हैं और बंधकों की रिहाई के बाद कुछ बड़ा होने की उम्मीद है. 20 जनवरी को ट्रम्प के राष्ट्रपति पद पर लौटने से ठीक पहले युद्धविराम लागू हुआ था. तब से कुछ इजरायली बंधकों को हमास द्वारा रिहा किया गया है और कुछ फिलिस्तीनी कैदियों को इजरायल द्वारा रिहा किया गया है.
ट्रम्प ने शुक्रवार को फिलीस्तीनियों की स्थिति पर कोई टिप्पणी किए बिना रिहा किए गए इजरायली बंधकों की स्थिति के बारे में अपनी फिक्र को दोहराया है. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर 2023 से गाजा पर इजरायल के सैन्य हमले में 48,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, और नरसंहार और युद्ध अपराध के आरोप लगे हैं, जिनसे इजरायल इनकार करता है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने इजराइल के जरिए रखे गए फिलिस्तीनी बंधकों की कंडीशन पर फिक्र का इजहार किया था. ऑफिस ने कहा था कि बंधकों को देख कर ये प्रतीत होता है कि उन्हें बेहद खराब कंडीशन में रखा गया था.
ट्रम्प को गाजा पर कब्ज़ा करने और वहाँ से फ़िलिस्तीनियों को हमेशा के लिए विस्थापित करने के अपने प्रस्ताव के लिए अंतरराष्ट्रीय निंदा का सामना करना पड़ा है, मानवाधिकार विशेषज्ञों और संयुक्त राष्ट्र ने इसे जातीय सफ़ाए का प्रस्ताव बताया है.