Gaza: ये बात किसी से छिपी नहीं है कि इजराइल फिलिस्तीनियों पर जुल्म करता आया है. लेकिन, अब कुछ ऐसा हुआ है कि इजराइल का झूठ बेनकाब हो गया है और पूरी दुनिया में उसकी थू-थू हो रही है. दरअसल ये मामला 15 पैरामेडिक्स की हत्या से जुड़ा हुआ है.
इज़रायली सेना ने 23 मार्च को 15 फिलिस्तीनी पैरामेडिक्स और सिविल डिफेंस वर्कर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस के बाद उन्हें राफा के तेल अल-सुल्तान जिले में एक सामूहिक कब्र में दफना दिया था. जब इन पैरामेडिक्स की हत्याओं पर सवाल उठे तो इजराइली मिलिट्री ने कहा कि उनकी कार संदिग्ध तौर पर आगे बढ़ रही थी, और साथ ही उसमें हेडलाइट या इमरजेंसी लाइट नहीं थी.
ऐसे सामने आया पूरा सच
हालांकि, इजराइल मामले में लंबे वक्त तक दुनिया को धुप्पल नहीं दे सका. जब युनाइटेड स्टेट्स और फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने लाशों को बाहर निकाला, तो उन्हें एक फोन मिला जो रिफत रादवान का था, जो मारे गए पैरामेडिक्स में से एक था. इस फोन में उसने अपनी जिदंगी के आखिरी पलों को रिकॉर्ड किया था.
The video of Palestinian medics killed by Israel shows they were in clearly marked vehicles.
Israeli forces murdered paramedics and rescue workers, buried them with their vehicles in mass graves, then lied about it. An out of control, genocidal state. https://t.co/xqDO9M2ebQ
— Assal Rad (@AssalRad) April 5, 2025
वीडियो में सच आया सामने
वीडियो फुटेज में सामने आया कि जिस वक्त इजराइली सैनिकों ने गोलाबारी की तो इमरजेंसी लाइटें जली हुई थीं. इस वीडियो के सामने आने के बाद से आईडीएफ की दुनिया भर में थू-थू हो रही है. लोग इल्जाम लगा रहे हैं कि इजराइल नफरत के लिए आम लोगों और फिलिस्तीनियों की मदद कर रहे कर्मचारियों की हत्या कर रहा है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पैरामेडिक्स टीम कार से जाते दिख रहे हैं. इमरजेंसी लाइट जली हुई है और साथ ही उन्होंने अपने गेयर भी पहने हुए हैं. इतने में ही फायरिंग शुरू हो जाती है. सभी आनन फानन में कार से बाहर निकलते हैं और जान बचाने के लिए भागते हैं.