Gaza News: भारत के घरों में चाय के साथ खाया जाने वाला Parle-G बिस्किट, जो हमेशा सस्ते और बच्चों का पसंदीदा माना गया है, अब जंग के दौरान गाज़ा में लग्जरी बन गया है. एक वायरल सोशल मीडिया पोस्ट के मुताबिक, गाज़ा में Parle-G बिस्किट की एक पैकिंग 24 यूरो (करीब ₹2,342) में बिक रही है. भारत में यही बिस्किट सिर्फ ₹2-5 में मिल जाता है.
सोशल मीडिया पर वायरल इस पोस्ट में लिखा था,"लंबे इंतज़ार के बाद मैंने आखिरकार रफीफ के लिए उसका पसंदीदा बिस्किट लिया. कीमत 1.5 यूरो से बढ़कर 24 यूरो हो गई, लेकिन मैं उसे मना नहीं कर सका."
अक्टूबर 2023 में इज़राइल और हमास के बीच तनाव के बाद गाज़ा में ज़रूरी सामान पहुंचना लगभग बंद हो गया. मार्च से मई 2024 के बीच गाज़ा में खाना और दवाइयां पहुंचाने वाली गाड़ियों को काफी कम अंदर आने दिया गया. ज़्यादातर मदद इंटरनेशनल प्रेशर के बाद ही पहुंची.
Parle G biscuit are being sold for over 24 euros (Rs 2,342) in Gaza pic.twitter.com/MMDWBQHAqd
— Sami Siddiqui (@siddiquisami23) June 7, 2025
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 27 मई से एक नया सिस्टम शुरू किया गया जिसे Secure Distribution Site 1 (SDS1) कहा जाता है. यह अमेरिकी, स्विस और इज़राइली साझेदारी में तैयार किया गया मॉडल है. यह सिस्टम गाज़ा के रफ़ा इलाके में बनाया गया है, जहां लोगों को पिंजरे जैसी कतारों में खड़ा कर खाना दिया जाता है. सुरक्षा की ज़िम्मेदारी अमेरिका की Safe Reach Solutions नाम की कंपनी के पास है, जिस पर गाज़ा में खुफिया काम करने के आरोप भी लगे हैं.
Parle-G की महंगाई सिर्फ एक मिसाल है. गाज़ा में कई चीज़ें जो मानवीय सहायता के तहत मुफ्त में आती हैं, वो आम जनता तक नहीं पहुंचतीं. इसके बाद इसे भारी कीमत में बेचा जाता है. एनटीडीवी की रिपोर्ट के मुताबिक ये बिस्किट भारत की तरफ से मुफ्त आते हैं, लेकिन आम लोगों को नहीं मिलते हैं. दिलचस्प बात ये है कि इन बिस्किट के पैकेट पर ‘EXPORT PACK’ लिखा होता है, लेकिन कोई कीमत नहीं होती.