Yahya Sinwar Death: पिछले साल 7 अक्टूबर से गाजा में युद्ध चल रहा है. इस हिंसा में अब तक 42 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच, इजराइल ने 17 अक्टूबर को हमास के नए याह्या सिनवार के साथ 3 लड़ाकों को मार गिराया है. हालांकि, हमास की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. जिसके बाद इजराइल में जश्न का माहौल है. वहीं, कई लोग यह जानना चाहते हैं कि याह्या सिनवार की हत्या कैसे, कहां और कब हुई. इस बीच, इजरायली सेना ने बताया है कि हमास प्रमुख की हत्या कैसे हुई और उसकी पहचान कैसे हुई.
इज़रायली सेना ने हमास प्रमुख को कैसे मारा?
इजराइली सेना ने बताया कि बुधवार को उसकी 828वीं बिस्लामैक ब्रिगेड राफा के ताल अल-सुल्तान इलाके में गश्त कर रही थी. उस दौरान गश्ती दल ने तीन आतंकियों की पहचान की. फौरन मुठभेड़ शुरू हो गई और तीनों मारे गए. तब तक यह मुठभेड़ कुछ खास नहीं लग रही थी, लेकिन इसे अंजाम देने वाले सैनिक गुरुवार सुबह तक वहां से वापस नहीं लौटे. हालांकि, मुठभेड़ के बाद जब शवों की पहचान की जा रही थी तो उनमें से एक शव का चेहरा और कद-काठी याह्या सिनवार से काफी मिलती-जुलती दिख रही थी.
याह्या की कैसे हुई पहचान
वहीं, याह्या सिनवार के शव पड़े रहे. ऐसे मामलों में सावधानी बरती जाती है. हमास के किसी जाल से बचने के लिए शव की एक उंगली काटकर जांच के लिए इजराइल भेज दी गई. उसी दिन बाद में सिनवार के शव को वहां से निकालकर इजराइल लाया गया. पूरे इलाके की घेराबंदी कर उसे सुरक्षित कर दिया गया.
एक घर से दूसरे घर की तरफ भाग रहे थे सिनवार
इजराइली सेना (आईडीएफ) के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा कि उनकी सेना को नहीं पता था कि सिनवार वहां है, लेकिन सेना लगातार वहां अपना ऑपरेशन चला रही थी. उन्होंने बताया कि इजरायली सैनिकों ने तीन लोगों को एक घर से दूसरे घर की तरफ भागते देखा, लेकिन इससे पहले कि वे इधर-उधर जा पाते, सैनिकों ने उन्हें चुनौती दी. मुठभेड़ के बाद सिनवार नाम के व्यक्ति को उन इमारतों में से एक की ओर अकेले भागते देखा गया. सैनिकों ने ड्रोन से उसकी पहचान की और उसे मार गिराया.
सिनवार की लगातार पीछा कर रही थी इजरायली सेना
सिनवार को किसी योजनाबद्ध ऑपरेशन के तहत नहीं मारा गया. इजरायली सेना ने कहा कि वह पिछले कई हफ्तों से उन इलाकों में गश्त कर रही थी. उस दौरान खुफिया सूत्रों ने संकेत दिया था कि सिनवार वहां मौजूद था. इजरायली सेना को राफा में उसके स्थान का मोटा अंदाजा हो गया था और धीरे-धीरे उसे घेरने की तरफ बढ़ रही थी.
सिनवार पिछले एक साल से इजरायली सेना की नजरों से बच रहा था. हमास के दूसरे नेताओं मोहम्मद दीफ और इस्माइल हनिया की मौत के बाद वह निश्चित रूप से अपने ऊपर इजरायली दबाव महसूस कर रहा होगा. इजरायली सेना ने एक बयान में कहा है कि हाल के हफ्तों में दक्षिणी गाजा में उसके अभियानों ने याह्या सिनवार की गतिविधियों को सीमित कर दिया था. उसके लिए यहां से दूसरी जगह जाना मुश्किल हो गया था क्योंकि सेना लगातार उसका पीछा कर रही थी. सेना की ऐसी हरकतें सिनवार की मौत का कारण बनीं.