Israel occupied Palestine Areas: फिलिस्तीन को लेकर इजराइल फिर से खतरनाक मंसूबे बना रहा है. अगर आने वाले दिनों में हमास के साथ संघर्षविराम नहीं होता है, तो इजरायल गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों को तीन सिविलियन जोन में सीमित करने की योजना बना रहा है, जिन्हें चार सैन्य-नियंत्रित क्षेत्रों से अलग किया जाएगा.
इसका खुलासा संडे टाइम्स की एक रिपोर्ट से हुआ, जिसमें राजनयिकों के जरिए लीक हुए नक्शे का हवाला दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्लान इजरायल के जरिये तैयार किया गया है और इसका नाम है "Stage three: the complete takeover of Gaza". इसमें गाजा के उत्तर, मध्य और दक्षिण हिस्सों में चार बड़े सैन्य ज़ोन बनाए जाने की बात गई है, जिनके बीच तीन नागरिक जोन होंगे.
यहूदी सरकार के इस प्लान के मुताबिक, फिलिस्तीनी नागरिक इन जोन के बीच बिना इजाजत के सफर नहीं कर सकेंगे. इसके अलावा उनके सामानों की जांच के बाद ही आवाजाही होगी. मानवीय सहायता से जुड़ी संस्थाओं ने चेतावनी दी है कि यह प्लान फिलिस्तीनियों को उनकी जमीन और घरों से अलग कर देगी और पूरे गाजा में स्वतंत्र रूप से घूमने को असंभव बना देगी.
इजराइली सेना के प्रवक्ता से जब इस प्लान की पुष्टि करने या इनकार करने को कहा गया, तो उसने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया. इजराइल का यह मंसूबा लीक होने के बाद फिलिस्तीनियों को गहरी चिंता में डाल दिया है, इससे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी और मुश्किल हो जाएगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल की प्लान में खान यूनिस के उत्तर में एक नया सैन्य कॉरिडोर बनाना भी शामिल है, जो पहले से मौजूद नेतजारिम कॉरिडोर (गाजा सिटी के दक्षिण में) जैसा होगा. इसके निर्माण से पहले बुलडोजर उस इलाके को खाली कर देंगे. यह कॉरिडोर, रफाह के उत्तर और नेतजारिम कॉरिडोर के दक्षिण में स्थित नागरिक क्षेत्रों को अलग करेगा.
इसके साथ ही इजरायली सेना गाजा और इजरायल के बीच की बफर जोन को भी काफी हद तक बढ़ाने का प्लान बना रही है. लीक हुए नक्शे में गाजा के पूरे इलाके के चारों ओर एक बड़ी सुरक्षा परिधि दिखाई गई है.
इस योजना के तहत जो तीन नए नागरिक क्षेत्र बनाए जा रहे हैं, उनमें से करीब एक दर्जन स्थानों पर मानवीय वितरण केंद्र (Humanitarian Distribution Centers) बनाए जाने का प्लान है. एक्सपर्ट और सामजिक संगठनों ने इजराइल के इस योजना की कड़ी आलोचना की है.
एक्सपर्ट और सामजिक संगठनों ने इसे इजराइल की एक विवादास्पद और जनसंहार करने वाली रणनीति बताया है. उनका कहना है कि निजी कंपनियों के जरिये राहत सामग्री पहुंचानै का मकसद है कि संयुक्त राष्ट्र समेत दूसरी सहायता एजेंसियों की भूमिका को दरकिनार करना है. मार्च 2025 से इजराइल ने गाजा में मानवीय सहायता के सामानों के एंट्री पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है.
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