UN Peacekeepers vs Israeli Army: इजरायल और हिजबुल्लाह में भीषण जंग जारी है. इस बीच इजरायली फौज IDF ने लेबनान में तैनात UN शांति सैनिकों के ठिकाने को निशाना बनाया है. जिसमें UN शांति सैनिकों कई सैनिक जख्मी हुए हैं. जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. इतना ही नहीं इजरायली फौज ने UN शांति सैनिकों के ठिकाने पर भी कब्जा कर लिया है. संयुक्त राष्ट्र ने इस खबर की तस्दीक की है.
संयुक्त राष्ट्र का बड़ा इल्जाम
वहीं, इजरायल पर UN ने इल्जाम लगाया है कि इजरायल ने दक्षिणी लेबनान में शांति सैनिकों के बेस में जबरन घुसपैठ की है, जिससे लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल और इजरायली बलों के बीच झड़प की घटनाएं बढ़ गई हैं. यूनिफिल यानी लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल के मुताबिक, 13 अक्टूबर को इजरायली सेना के टैंक ने मुख्य द्वार तोड़ दिया और बाद में गोलीबारी भी की, जिससे कैंप में धुआं भर गया. इससे 15 शांति सैनिकों को त्वचा में जलन और पेट संबंधी समस्याएं हुईं.
इजरायली फौज ने UN आरोपों को किया खारिज
हालांकि, आईडीएफ का कहना है कि उसने (आईडीएफ) घायल सैनिकों को निकालने के लिए यूनिफिल बेस में दाखिल हुआ है. इजराइल ने शांति सैनिकों से बार-बार दक्षिण लेबनान के उन इलाकों से हटने का आग्रह किया है, जहां लड़ाई चल रही है. यूनिफिल अब तक इजरायल के इन अनुरोधों को खारिज करता रहा है.
लेबनान में कितने तैनात है UN शांति सैनिक
लेबनान में करीब 50 देशों के करीब 10,000 संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक तैनात हैं, साथ ही करीब 800 नागरिक भी हैं. 1978 से ये सैनिक लिटानी नदी और "ब्लू लाइन" के बीच गश्त कर रहे हैं. लेबनान और इज़रायल के बीच संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सीमा को ब्लू लाइन कहा जाता है.
लेबनान हिंसा में अब तक कितनी हुई मौत
गौरतलब है कि गाजा युद्ध के बाद से हिजबुल्लाह लगातार इजरायल पर हमले कर रहा है. इसी दौरान इजरायल के हमले में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत हो गई. जिसके बाद से आईडीएफ लेबनान में जमीनी कार्रवाई कर रहा है. जिसमें इजरायली सैनिक भी मारे जा रहे हैं. इस हिंसा में अब तक 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.