Hamas: फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री वही बोल बोल रहे हैं जो इजराइल चाहता है. दरअसल हाल ही में फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा उन्होंने कहा है कि गाजा में शांति और सिक्योरिटी कायम करने के लिए हमास को हथियार छोड़ने होंगे और गाजा का कंट्रोल फिलिस्तीनी अथॉरिटी को सौंपना होगा.
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में इज़रायल और फिलिस्तीन के लिए टू नेशन सॉल्यूशन पर आयोजित एक सम्मेलन में बोलते हुए मुस्तफा ने कहा कि इज़रायल को ग़ाज़ा पट्टी से पूरी तरह पीछे हटना चाहिए, और हमास को ग़ाज़ा पर अपना कंट्रोल छोड़कर अपने हथियार फिलिस्तीनी अथॉरिटी को सौंपने चाहिए.
कुछ ऐसी ही मांग इजराइल कर रहा है. इजराइल का शुरुआत से ही कहना है कि वह गाजा में तभी हमले रोकेगा तब हमास अपने हथियार छोड़ दे और सरेंडर करे. वहीं हमास ऐसा करने के लिए तैयार नहीं है. हमांस की डिमांड है कि इजराइल पूरी तरह से अपने सैनिकों को गाजा से हटाए और इसके बाद वह बंधकों को रिहा करेगा. यही वजह है गाजा में परमानेंट सीजफायर नहीं हो पा रहा है.
कुछ दिनों पहले गाजा में सीजफायर पर फिर से वार्ता शुरू हुई थी, लेकिन इससे कोई हल नहीं निकल पाया. रिपोर्ट्स के मुताबिक हमास बंधकों की रिहाई के लिए तैयार हो गया था. लेकिन, इजराइल की तरफ से ही इसमें अड़चन लग गई.
सीजफायर नहीं होने की वजह से लोगों के पास पर्याप्त मात्रा में खाना नहीं पहुंच पा रहा है, जिसकी वजह से भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं. 80 से ज्यादा बच्चों की मौत भूख से हुई है. हालांकि इजराइल ने इस हमास का प्रोपेगेंडा करार दिया है. लेकिन, सोशल मीडिया पर घूमती हुई तस्वीरें इजराइल के दावे के एकदम उलट कहानी बयान करती हैं.