Gaza News: गाजा में पिछले दिनों मानवीय सहायता लेने गए फिलिस्तीनियों पर इजरायली फौज ने भीषण गोलीबारी की थी, जिसमें कम से कम 31 मासूम लोगों की मौत हो गई थी. जबकि सैकड़ों की संख्या में लोग जख्मी हुए थे. इस घटना के बाद इजरायली फौज की आलोचना हो रही थी. सोशल मीडिया पर इजराइल पर सवाल उठाए गए. कई दिग्गजों ने कहा कि अब इजराइल भूख को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है. यानी खाने-पीने की सामाग्री बांटने के दौरान जानबूझकर गोलीबारी कर रहा है, ताकि लोगों को खाना-पानी न मिले और वे भूख से मर जाएं. यूएन के अधिकारियों ने यहां तक कहा कि भूख से जूझते लोगों पर हमला करना इंसानियत के खिलाफ है.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र (UN) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने रविवार को गाजा में सहायता सामग्री वितरित करते समय फिलिस्तीनियों की हत्या की जांच का आह्वान किया है. एंटोनियो गुटेरेस ने एक बयान में कहा, "मैं 1 जून को भोजन और सहायता सामग्री लेने के लिए गाजा आए फिलिस्तीनियों की मौत और घायल होने से दुखी हूं."
चश्मदीदों ने क्या कहा?
चश्मदीदों ने कहा कि इजरायल और अमेरिका द्वारा समर्थित गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन द्वारा संचालित सहायता वितरण केंद्र पर उन पर गोलीबारी की गई. रेड क्रॉस ने कहा है कि उसके अस्पतालों से 179 लोगों के हताहत होने की सूचना मिली है. इनमें से 21 की मौत हो गई है. वहीं, हमास द्वारा संचालित नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने इन मौतों की संख्या 31 बताई है.
गाजा में है कई महीनों से नाकेबंदी
गाजा में कई हफ्तों की नाकेबंदी के बाद गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन ने हाल ही में भोजन और अन्य सहायता सामग्री वितरित करना शुरू किया था. हालांकि, इस पर आरोप लगाया जा रहा है कि इसकी नीतियां मानवता विरोधी हैं. गाजा में लोग भूख से मरने के कागार पर है. इजरायली पीएम का कहना है कि वह हमास के खिलाफ लड़ रहे हैं, लेकिन इन घटनाओं से साबित होता है कि वह इंसानित के खिलाफ हैं.
बच्चे हो रहे हैं कुपोषण के शिकार
हमास के हमले के बाद से इजरायल गाजा में भीषण बमबारी और गोलीबारी कर रहा है.इन हमलों में कम से कम 60 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है. जबकि 1.5 लाख से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं. इनमें सबसे ज्यादा बच्चे और महिलाएं शामिल हैं. गाजा में भूखमरी की वजह से बच्चे सबसे ज्यादा कुपोषण के शिकार हो रहे हैं.