EId AL ADHA 2025: सऊदी अरब में हज का सफर चार जून से शुरू हो गया है. आज के दिन कुर्बानी देकर हाजी इस अरकान को पूरा करेंगे. दुनियाभर से आए हाजियों ने आज के दिन यानी कि 6 जून को जमरात यानी कि शैतान को कंकड़ मारने का अरकान शुरू कर दिया है, जो तीन दिन तक चलेंगा.
दुनियाभर के हाजी फज्र की नमाज अदा करने के बाद शैतान को कंकड़ मारने की रस्म शूरू करने के लिए मुजदलिफा के मैदानों से मक्का की बड़ी मस्जिद की तरफ लौट आए हैं. मस्जिद के इमाम शेख माहेर अल-मुइकली ने ईद-उल-अजहा की नमाज अदा कराई और खुतबा दिया है. इसके बाद हाजियों ने शैतान पर कंकड़ मारने की अरकान शुरू किया है. ऐसा लगातार तीन बार किया जाता है. जमरात (शैतान पर कंकड़ मारना) की रस्म तीन दिनों तक जारी रहेंगी.
इस साल सबसे कम हाजी मक्का पहुंचे
जमरात के पहले दिन हाजी कुर्बानी करते हैं, सर मुंडवा लेते है या फिर बाल कटवा लेते हैं और फिर तवाफ यानी अल-इफ़ादाह के लिए वापस मक्का चले जाते हैं. तवाफ( काबा के चारों तरफ घूमाना) करने के बाद हाजी फिर से रात बिताने के लिए मीना लौटते हैं. आपकों बता दें कि इस साल सऊदी अरब में कोविड जैसी महामारी वाले सालों को छोड़कर बीते 30 सालों में सबसे कम हाजी मक्का हज करने के लिए पहुंचे हैं. इस साल कुल 1,673,230 हाजी अपना हज का सफर मुकम्मल कर रहे हैं, जिनमें 1,506,576 हाजी बाहर से आए है और 166,654 हाजी सऊदी अरब के नागरिक और निवासी हैं.
क्यों फेका जाता है कंकड़
हादीस म में ऐसा बताया गया है कि जब हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम अल्लाह के हुक्म की तालीम कर अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी दे रहे थे तो शैतान ने उन्हें तीन दफा रोकने की कोशिश की थी, जिसके जवाब में उन्होंने शैतान पर तीन बार पत्थर और कंकड़ फेके थे. इसी के मुताबिक हज के सफर में हाजी शैतान पर कंकड़ मारकर इस आरकान को पूरा करते हैं.