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योगी सरकार के बुलडोजर पर हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक, कुशीनगर में नहीं ढहाई जाएगी मस्जिद

UP High Court on Bulldozer Action: कुशीनगर के तमकुहीराज की एक मस्जिद और ईदगाह पर प्रशासन के आदेश पर बुलडोजर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी थी. इस मामले में मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट का रुख किया था. मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बेदखली के आदेश पर रोक लगा दी है. जानें पूरा मामला?   

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कुशीनगर की मस्जिद पर नहीं चलेगा बुलडोजर
कुशीनगर की मस्जिद पर नहीं चलेगा बुलडोजर
Zee Salaam Web Desk|Updated: Apr 19, 2025, 05:36 PM IST
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Kushinagar News Today: कुशीनगर जिले के तमकुहीराज तहसील के गड़हिया चिंतामणि गांव स्थित गड़हिया मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. मस्जिद पर प्रशासन के जरिये की जा रही बुलडोजर कार्रवाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने राहत की सांस ली.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जब तक निचली अदालत इस मामले का निस्तारण नहीं कर देती, तब तक मस्जिद या ईदगाह पर किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ नहीं की जाएगी. कोर्ट का यह फैसला ऐसे समय में जब वक्फ कानून को लेकर बड़ी संख्या में समुदाय विशेष के लोग अपने धार्मिक स्थलों और उससे जुड़ी संपत्तियों को लेकर पशोपेश में हैं.

प्रशासन ने दिया था बेदखली आदेश

इस मामले की पसमंजर को लेकर यह बताया गया है कि ग्राम सभा की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप लगाते हुए गड़हिया मस्जिद और ईदगाह को हटाने का निर्देश तहसील प्रशासन के जरिये दिया गया था. 20 जनवरी को तमकुहीराज तहसील से इस संबंध में बेदखली आदेश जारी किया गया था, जिसके तहत 8 अप्रैल तक अतिक्रमण हटाने की समय-सीमा निर्धारित की गई थी. आदेश के बाद प्रशासन ने मस्जिद परिसर पर नोटिस भी चस्पा कर दिया था.

मस्जिद के पक्षकारों ने इस आदेश को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया, जिसके बाद कोर्ट ने इस विवाद पर छह महीने के भीतर निचली अदालत को फैसला देने का आदेश जारी किया है. जब तक फैसला नहीं आता है, तब तक प्रशासन किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं करेगा. हाईकोर्ट के इस आदेश से गड़हिया मस्जिद के पक्षकारों को फिलहाल राहत मिल गई है. 

कोर्ट के आदेश से लगी अस्थाई रोक

कुशीनगर प्रशासन के इस कार्रवाई से क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका थी. फिलहला यह मामला अब कानूनी प्रक्रिया के तहत निचली अदालत में विचाराधीन रहेगा और सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट आखिरी फैसला सुनाएगा. ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, जब तक निचली अदालत अपना फैसला नहीं सुनाती है, तब मस्जिद और ईदगाह के खिलाफ प्रशासन को कार्रवाई नहीं कर सकता है. एक तरह से कोर्ट के दखल के बाद पूरे मामले में अस्थायी रोक लग गई है.

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