Delhi News Today: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की इलाहाबाद सब-जोनल ऑफिस ने मंगलवार (15 जुलाई) पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी से जुड़ी एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई की है. ED ने स्पेक्ट्रम इंफ्रासर्विसेज के स्वामित्व वाली छह संपत्तियों को कुर्क (Provisional Attachment Order) करने का आदेश जारी किया है. कुर्क की गई अचल संपत्तियों में नई दिल्ली का एक आवासीय अपार्टमेंट, वाराणसी में तीन आवासीय भूखंड और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में दो कृषि भूमि शामिल है.
ED ने अपनी जांच में मऊ के दक्षिण टोला पुलिस स्टेशन में दर्ज एक एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी. जांच में पता चला कि गाजीपुर की विकास कंस्ट्रक्शन ने मऊ के रैनी गांव में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर एक गोदाम बना लिया है. इसी तरह गाजीपुर में एक और गोदाम बनाया गया और उसे भारतीय खाद्य निगम (FCI) को किराए पर दिया गया. इस संबंध में ED ने बयान जारी कर बताया था कि सरकारी जमीन पर अवैध रूप से गोदाम बनाकर और एफसीआई से किराया लिया गया, जो अपराध से अर्जित इनकम (POC) की कैटेगरी में आता है.
ईडी के मुताबिक, इन दोनों जगहों से कुल 15.31 करोड़ रुपये का किराया हासिल हुआ. इसके अलावा नाबार्ड से गोदाम निर्माण के लिए सब्सिडी के रूप में 2.25 करोड़ रुपये, विकास कंस्ट्रक्शन के पार्टनर्स से 3.10 करोड़ रुपये अवैध रूप से लिए गए और आतिफ रजा को एफसीआई से हैंडलिंग और परिवहन शुल्क के रूप में 7.05 करोड़ रुपये मिले. इन सभी लेनदेन से कुल 27.72 करोड़ रुपये की POC बनी.
ईडी की जांच में सामने आया कि विकास कंस्ट्रक्शन को दिवंगत मुख्तार अंसारी के प्रभाव में संचालित किया जा रहा था, जिसमें उनके करीबी रिश्तेदार और सहयोगी जैसे आतिफ रजा (उनके बहनोई), फर्म में 15 फीसदी हिस्सेदारी के साथ भागीदार थे. पुलिस के जरिये मुख्तार अंसारी के खिलाफ उपलब्ध डोजियर के मुताबिक, हत्या, जबरन वसूली और भूमि हड़पने से संबंधित कुल 49 आपराधिक मामले अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में दर्ज थे.
ईडी ने बताया कि जांच में पता चला है कि विकास कंस्ट्रक्शन से हासिल की गई लगभग 8.49 करोड़ रुपये की POC को आगाज प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग और इनिजियो नेटवर्क सॉल्यूशन के बैंक खातों में जमा किया गया था. ये दोनों कंपनियां मुख्तार अंसारी और उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों के स्वामित्व और नियंत्रण में थीं.
इन फंड्स को नियमित खर्चों के बहाने व्यावसायिक खातों के जरिये से बैंकिंग सिस्टम में अवैध धन को इकट्ठा करने और उनके मूल को छिपाने के लिए भेजा गया था. बाद में यह रकम कुसुमविजन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, स्पेक्ट्रम इंफ्रासर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और कुसुम कंस्ट्रक्शन एंड टेलीकॉम सर्विसेज के बैंक खातों में एक कॉमर्शियल ट्रांजैक्शन के रुप में ट्रांसफर किया गया. यह कंपनियों पर पूर्व सांसद अतुल राय का स्वामित्व और नियंत्रण है.
इसके अलावा विकास कंस्ट्रक्शन, आतिफ रजा (आरोपी), आगाज प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और इनिजियो नेटवर्क सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड से 1 करोड़ रुपये की POC जितेंद्र सप्रा और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी. बाद में इस पैसे का इस्तेमाल अचल संपत्तियों को खरीदने के लिए किया गया, जिन्हें अब कुर्क कर लिया गया है. ईडी के बयान के मुताबिक, इस मामले में अब तक कुल 6.40 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है.