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AMU: होली खेलने से मना करने से नहीं, बल्कि इस वजह से विरोध-प्रदर्शन पर उतरे छात्र

AMU HOLI Controversy: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में होली खेलने की इजाजत न देने वाला मामला तूल पकड़ रहा है. स्टूडेंट्स का आरोप है कि उन्हें कैम्पस में होली खेलने की इज़ाज़त नहीं दी गयी, जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों के विरोध की कुछ और ही वजह बता रहा है. इस मामले की पूरी सच्चाई जानने के लिए खबर नीचे स्क्रॉल करें. 

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File Photo
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Sami Siddiqui |Updated: Mar 05, 2025, 02:41 PM IST
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AMU HOLI Controversy: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों में घिर गयी है. इस बार मामला होली खेलने पर पाबंदी को लेकर सामने आ रही है. कुछ हिन्दू छात्रों का इल्ज़ाम है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों के होली मिलन समारोह पर रोक लगा दी है, जिसकी वजह से हिंदू छात्र भड़के हुए हैं. छात्रों ने कहा है कि वो इस मामले को प्रधानमंत्री तक पहुंचाएंगे. हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों के इन इल्जामों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि कैम्पस में हर साल होली मनाई जाती है, किसी को होली खेलने से नहीं रोका जाता है. 

क्या छात्रों का इल्ज़ाम?

दरअसल, मंगलवार को होली समारोह पर रोक लगाने का इल्ज़ाम लगाते हुए हिन्दू संगठनों से जुड़े छात्रों के एक समूह ने कैम्पस में विरोध- प्रदर्शन किया था. स्टूडेंट्स का आरोप है कि एएमयू प्रशासन हिंदू छात्रों के साथ भेदभाव की नीति अपना रहा है. उनका कहना है कि हिंदू समुदाय को किसी धर्म के आयोजनों से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्हें भी उनके त्योहार मनाने की इजाजत मिलनी चाहिए. छात्रों का कहना है कि एएमयू के कैंपस में रोजा इफ्तार पार्टी करने के साथ चेहल्लुम का भी प्रोग्राम किया जाता है और ताजिए निकाले जाते हैं, लेकिन उन्हें होली खेलने की इजाजत नहीं दी गयी है. वह अब इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक लेकर जाएंगे.

एनआरएससी क्लब में होली खेलने की मांग

एएमयू में मास्टर्स डिग्री कर रहे अखिल कौशल का कहना है कि हिंदू छात्राओं ने 25 फरवरी को एएमयू के प्रॉक्टर को एक पत्र लिखकर होली खेलने की मांग की थी. मांग की गई थी कि एनआरएससी क्लब में होली खेलने की इजाजत दी जाए. इस मुद्दे को लेकर नईमा खातून ने प्रोफेसर और डीन की मीटिंग बुलाई थी. लेकिन, इस मामले में कोई जवाब नहीं मिला पाया. इसके बाद छात्र फिर प्रॉक्टर वसीम अली से मिलने के लिए पहुंचे. जहां उन्हें बताया गया कि क्लब में होली समारोह करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.

करणी सेना ने क्या कहा?

इस मामले में करणी सेना का भी रिएक्शन सामने आया है. करणी सेना के जिला अध्यक्ष ने कहा कि एएमयू में ईद का पर्व हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. इस पर्व पर बकरों की कुर्बानी भी दी जाती है. लेकिन इस पर हिंदू छात्रों को कोई आपत्ति नहीं. लेकिन होली मिलन समारोह का आयोजन करने पर एएमयू प्रशासन को आपत्ति है जो की अपने आप में एक धर्म के आधार पर भेदभाव की नीति है. अगर ऐसा भेदभाव करना है तो एएमयू प्रशासन द्वारा हिंदू छात्रों को एएमयू में एडमिशन ही नहीं देने का नोटिस जारी कर देना चाहिए.

यूनिवर्सिटी का क्या है कहना?

वहीं इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि छात्रों को होली मनाने से मना नहीं किया है. वह जहां चाहें वहां होली मना सकते हैं. प्रॉक्टर वसीम अली और प्रोफेसर विभा शर्मा ने कहा कि छात्र 9 मार्च के लिए एनआरएससी क्लब में होली खेलने की इजाजत के लिए आए थे, लेकिन इस क्लब में आज तक कोई मजहबी त्योहार नहीं मनाया गया. इसी वजह से यहां होली खेलने के लिए मना किया गया है. प्रोफेसर विभा शर्मा ने कहा कि यूनिवर्सिटी में होली खेलने के लिए कभी मना नहीं किया गया है. हमेशा से छात्र यहां होली खेलते आए हैं.

उन्होंने कहा, केवल नॉन रेजिडेंट स्टूडेंट क्लब (NRSC) में खेलने के इजाजत नहीं दी गई है. ये स्टूडेंट्स का ही क्लब है, जहां उनके प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं. लेकिन उसमें कभी किसी तरह का पर्व- तौहार या धार्मिक गतिविधि नहीं हुई है, इसलिए स्टूडेंट्स को उस क्लब में होली सेलेब्रेट करने से मना किया गया है, बाकी उनके यूनिवर्सिटी को कोई भी डिपार्टमेंट, क्लासरूम, होस्टल या कैम्पस का कोई हिस्सा नहीं है, जहां होली खेलने से कभी रोका गया हो.  प्रोफेसर विभा शर्मा ने कहा कि होली में स्टाफ क्लब में यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर सहित तमाम टीचर्स और स्टूडेंट्स भी होली खेलते हैं.

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