Aligarh Muslim University News Today: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में फीस इजाफे के खिलाफ विरोध में छात्रों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस की मौजूदगी और छात्रों के साथ झड़प ने माहौल को गरमा दिया है. समाजसेवी राशिद शाज ने अलीगढ़ बिरादरी के नाम एक खुला खत लिखकर यूनिवर्सिटी प्रशासन और वीसी की नाकामी पर कड़ा तंज कसा है. उन्होंने कहा कि प्रशासन का पुलिस बुलाना छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश है, जो कि हमारे अपने ही घर की लड़ाई में हथियार डाल देने के समान है.
राशिद शाज ने बताया कि यह हालात दिखाते हैं कि हम अपने ही मसलों को सुलझाने में नाकाम हो चुके हैं. अगर ऐसा है तो हम टीचर होने के काबिल नहीं रह जाते हैं. उन्होंने छात्रों के साथ हुई पुलिसिया बर्बरता को लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया. राशिद ने कहा कि लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन ही नौजवानों को शिक्षा देता है, उसे दबाना नहीं चाहिए.
छात्राओं के साथ कथित बदसलूकी के मामले पर भी राशिद शाज़ ने कड़ी निंदा की और इसे बेहद गंभीर और शर्मनाक बताया. उनका कहना था कि इस पर पूरे नैतिक जिम्मेदारी के साथ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन संयम और समझदारी भी बहुत जरुरी है. राशिद शाज़ ने प्रशासन से अपील की कि कैंपस में पुलिस को सिर्फ तब ही बुलाया जाए जब हालात बहुत गंभीर और जानलेवा हों.
राशिद शाज ने कहा कहा कि छात्रों के साथ संवाद के रास्ते हमेशा खुले रखने चाहिए और उन लोगों का जवाब देना जरूरी है जिन्होंने जुल्म और जबरदस्ती को अपनाया. उन्होंने आगे कहा कि एएमयू एक सदी से भी ज्यादा समय से शिक्षा का केंद्र रहा है. ऐसे में इस गौरवशाली ऐतिहासिक पलों को बर्बाद होने से बचाना होगा, जिसे पीढ़ियों ने बनाकर रखा है.
मीडिया में छपी खबर के मुताबिक, एएमयू के ओल्ड बॉयज एल्युमनी एसोसिएशन ने भी हालात को लेकर आपात बैठक की. उन्होंने प्रॉक्टर टीम की कार्यशैली की आलोचना की और कुलपति नायमा खातून से आग्रह किया कि वे प्रॉक्टर टीम पर कंट्रोल रखें, क्योंकि बिगड़ते हालात के लिए यही टीम जिम्मेदार है. शुक्रवार को हुए विवाद की एसोसिएशन ने कड़ी निंदा की और वाइसचांसलर से छात्रों की जायज मांगों पर ध्यान देने की उम्मीद जताई.