Asaduddin Owaisi: असदुद्दीन ओवैसी की सभी तरफ तारीफ हो रही है. अब हैदराबाद की मेट्रो के पिलरों पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पार्टी के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के पोस्टर नजर आए हैं. इन पोस्टरों पर कई नारे लिखे थे, जैसे, "आतंक के खिलाफ एक शख्स, पाकिस्तान के खिलाफ एक सच्चाई, दुश्मन का पर्दाफाश, भारत के लिए, गर्व के साथ."
ये पोस्टर उस वक्त लगाए गए जब बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा की लीडरशिप में एक ऑल पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने अल्जीरिया, सऊदी अरब, कुवैत और बहरीन का दौरा किया. इस डेलिगेशन में ओवैसी भी शामिल थे. इस दौरे के दौरान डेलिगेशन ने अप्रैल 22 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत की प्रतिक्रिया की जानकारी दी. साथ ही, डेलिगेशन ने इन देशों के नेताओं से भारत की सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर चर्चा की.
अल्जीरिया में भारतीय प्रवासी, मीडिया और थिंक टैंक के लोगों को खिताब करते हुए ओवैसी ने पाकिस्तान को "तकफीरी सोच का सेंटर" बताया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के आतंकी संगठनों और दाएश और अल-कायदा की सोच में कोई फर्क नहीं है.
#WATCH | Hyderabad, Telangana: Flex boards of AIMIM party president and Hyderabad MP Asaduddin Owaisi were put up by party workers in Hyderabad. Owaisi arrived in Hyderabad today after visiting Algeria, Saudi Arabia, Kuwait and Bahrain as part of an all-party delegation. pic.twitter.com/zxuFU3VCNA
— ANI (@ANI) June 3, 2025
ओवैसी ने कहा, "पाकिस्तान तकफीरिज्म का सेंटर रहा है और वहां के आतंकी संगठनों की विचारधारा दाएश और अल-कायदा जैसी है. ये लोग समझते हैं कि उन्हें मजहबी मंजूरी है, जबकि इस्लाम किसी भी इंसान की हत्या की इजाजत नहीं देता. यह उनकी गलत सोच है."
ओवैसी ने पाकिस्तान को फिर से एफएटीएफ (Financial Action Task Force) की ग्रे लिस्ट में डालने की मांग दोहराई. उन्होंने कहा, "आतंकवाद दो चीजों पर जिंदा रहता है, विचारधारा और पैसा. जब पाकिस्तान को 2018 में ग्रे लिस्ट में डाला गया था, तब भारत में आतंक की घटनाओं में कमी आई थी."
उन्होंने बताया कि उस समय अल्जीरिया और कुछ अन्य देशों ने भारत की मदद की थी. "एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट बहुत असरदार है. एक आतंकी था जकीउर रहमान लखवी, कोई भी देश ऐसा नहीं करेगा कि किसी आतंकी को जेल में बच्चे का बाप बनने दे. लेकिन पाकिस्तान में ऐसा हुआ. जब पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में आया, तब उस पर कार्रवाई शुरू हुई."