Assam News: भाजपा शासित राज्य असम में लोगों का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि सरकार ने ईद-उल-अजहा के दिन से ही एक खास समुदाय के लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. पहले यहां अवैध पशु बलि को लेकर काफी बवाल मचा, जिसके बाद राज्य के अलग-अलग जिलों में मंदिरों के बाहर पशुओं के अवशेष मिलने लगे, फिर एक समुदाय के युवकों की गिरफ्तारियां शुरू हो गईं.
असम के धुबरी जिले के बाद अब ईद-उल-अजहा के दौरान एक मंदिर के पास गोमांस फेंकने के आरोप में गोलपाड़ा में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है.
बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, गोपालपारा जिले में स्थानीय लखीपुर पुलिस ने ईद-उल-अजहा के बाद सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए एक मंदिर के पास जानबूझकर गोमांस फेंकने के आरोप में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है.
उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए सभी लोग राखीपुर थाना इलाके के अलग-अलग वॉर्ड के रहने वाले थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है कि ऐसे सभी तत्वों से कानून के अनुसार पूरी ताकत से निपटा जाए.
याद रहे कि जून में मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि ईद-उल-अजहा के दौरान कई जगहों पर कथित तौर पर अवैध तौर पर मवेशियों की कु्र्बानी की गई थी. उन्होंने कहा था कि मांस के कुछ हिस्सों को असम में कई जगहों पर फेंक दिया गया था. शनिवार को उन्होंने कहा कि देबारी में 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जहां रात भर सांप्रदायिक तनाव के बाद गोली मारने के आदेश जारी किए गए थे.