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तुर्की के इस ऐतिहासिक मस्जिद को जलाने की कोशिश, पुलिस ने आरोपी को दबोचा

Turkey News: तुर्की की फेमस मस्जिद 'हागिया सोफिया' में एक व्यक्ति ने आग लगाने की कोशिश की, मस्जिद में लगे सीसीटीवी कैमरे में इस पूरी घटना की वीडियो कैद हो गई, सोशल मीडिया पर घनटा को वीडियो वायरल हो रहा है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें. 

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तुर्की के इस ऐतिहासिक मस्जिद को जलाने की कोशिश, पुलिस ने आरोपी को दबोचा
Zeeshan Alam|Updated: Aug 07, 2025, 10:59 AM IST
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Turkey News: तुर्की की फेमस और ऐतिहासिक हागिया सोफिया मस्जिद में एक अनजान व्यक्ति ने आग लगाने की कोशिश की. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. आरोपी व्यक्ति ने मस्जिद में कुछ कागज के सहारे आग लगाई, लेकिन एक महिला ने आग से निकलने वाले धुएं को देखते ही मस्जिद के इमाम को बताया और समय रहते आग पर काबू पा लिया गया. वहीं, तुर्की पुलिस ने आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ हो रही है. 

दरअसल, तुर्की के इस्तांबुल शहर में मौजूद फेमस 'हागिया सोफिया मस्जिद' प्रयटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है.  यह घटना पिछले महीने (जुलाई) की है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 'हागिया सोफिया मस्जिद' में आग लगाने की कोशिश करने वाले व्यक्ति के पास कोई ज्वलनशील पदार्थ नहीं था, इसीलिए वह मेटल डिटेक्टर से आसानी से बच निकला. वायर वीडियो में साफ देखा जा सकता है लाल टोपी और काले कमीज पहना एक व्यक्ति मस्जिद के पीलर के पीछे जाता है और अपने पॉकेट से कुछ कागज के टूकड़े निकाल कर आग लगा देता है. 

यह घटना तब हुई जब ज्यादातर लोग शाम की नमाज पढ़कर मस्जिद से जा चुके थे. हालांकि मस्जिद में मौजूद एक महिला ने आग लगने से निकलने वाले घुएं को देखते ही मस्जिद के इमाम को सूचित किया. वहीं, मस्जिद में मौजूद एक अन्य व्यक्ति की मदद से जिस कालीन में आग लगी थी उसे वहां से हटा दिया गया. इस घटना में किसी प्रकार की अनहोनी नहीं हुई.

हागिया सोफिया मस्जिद का इतिहास
गौतलब है कि तुर्की की फेमस हागिया सोफिया मस्जिद का इतिहास बहुत पुराना है. हागिया सोफिया का निर्माण बाइज़ेंटाइन सम्राट जस्टिनियन-I ने 537 ईस्वी में करवाया था. यह मस्जिद उस समय की सबसे बड़ी गिरजाघर (चर्च) थी और इसे ईसाई दुनिया की सबसे महान धार्मिक इमारत माना जाता था.

चर्च को मस्जिद में किया तब्दील
वहीं, साल 1453 ई. में ओटोमन सुल्तान महमूद द्वितीय (Sultan Mehmed II) ने कुस्तुंतुनिया (अब इस्तांबुल) पर कब्जा किया और इस चर्च को मस्जिद में बदल दिया. क्रॉस हटा दिए गए, और मीनारें, मिहराब और मिंबर जोड़े गए. 

संघ्रालय से मस्जिद बनने तक की कहानी
आधुनिक तुर्की के संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क ने 1935 में इस मस्जिद को एक संग्रहालय में बदल दिया. जुलाई 2020 में तुर्की की अदालत ने फैसले में कहा कि इसे फिर से मस्जिद में बदला जा सकता है. उसी साल इसे आधिकारिक रूप से मस्जिद घोषित कर दिया गया, लेकिन यह अभी भी पर्यटकों के लिए खुला है.

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