Aurangabad Loksabha Chunav Result: लोकसभा इलेक्शन के रुझान आने शुरू हो गए हैं. इस बीच महाराष्ट्र की औरंगाबाद लोकसभा सीट पर मतगणना जारी है. इस वक्त AIMIM कैंडिडेट इम्तियाज जलील लगभग 1 लाख 28 हजार 161 वोटों से पीछे चल रहे हैं. इस लोकसभा सीट से शिवसेना के कैंडिडेट BHUMARE SANDIPANRAO ASARAM को 4 लाख 47 हजार 471 वोट मिले हैं. जबकि इम्तियाज जलील को 3 लाख 19 हजार 310 वोट मिले हैं. साल 2019 के चुनाव में ओवैसी की पार्टी AIMIM ने इम्तियाज जलील को अपना कैंडिडेट बनाया था. इम्तियाज जलील ने शिवसेना के कैंडिडेट चंद्रकांत खैरे को चुनावी मैदान हराकर महाराष्ट्र में AIMIM का खाता लोकसभा में खोला था.
औरंगाबाद शिवसेना का था गढ़
राज्य की औरंगाबाद लोकसभा सीट अविभाजित शिवसेना का गढ़ माना जाता है. अब शिवसेना दो हिस्सों में बंट गया है. उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (UTB) के नाम से जाना जाता है. वहीं, महाराष्ट्र के सीएम शिवसेना की अगुवाई करते हैं. इस लोकसभा में 6 विधानसभा सीटें आती हैं. औरंगाबाद को अब आधिकारिक तौर पर छत्रपति संभाजी नगर के रूप में जाना जाता है. औरंगाबाद को महाराष्ट्र का 5वां सबसे ज्यादा आबादी वाला शहरी इलाका है. इस सीट से साल 2019 के आम चुनाव में 23 कैंडिडेट चुनावी मैदान में थे. इस सीट से औवैसी की पार्टी AIMIM ने सैयद इम्तियाज जलील को अपना उम्मीदवार बनाया था. वहीं, अविभाजित शिवसेना ने चंद्रकांत खैरे को अपना कैंडिडेट बनाया है.
साल 2019 इतने वोटों से शिवसेना की हुई थी हार
इस सीट से चंद्रकांत खैरे 1999 से लगातार 2019 तक सांसद रहे थे. साल 2019 के इलेक्शन में इम्तियाज जलील ने शिवसेना के कैंडिडेट को महज साढ़े चार हजार वोटों से हराया था. इम्तियाज जलील को 3 लाख 90 हजार वोट मिले थे, जबिक शिवसेना के कैंडिडेट को 3 लाख 85 हजार 500 वोट मिले थे. इस सीट पर इस बार का मुकाबला त्रिकोणीय रहा है. उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना (यूबीटी) ने चंद्रकांत खैरे को अपना कैंडिडेट बनाया था, जबकि महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना भी अपना कैंडिडेट चुनावी मैदान में उतारा था. जिससे यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था.
ओवैसी की एंट्री से मची सियासी बवाल
वाजेह हो कि औरंगाबाद लोकसभा सीट पर हमेशा औरंजेब के नाम से सियासी पारा गर्म होता रहता था. क्योंकि यहां मुगल शासक औरंगजेब की कब्र है. इसी वजह से लंबे समय से इस शहर को औरंगाबाद नाम से जाना जाता था. औरंगाबाद के नाम पर महाराष्ट्र की पूरी सियासी पार्टियां सियासी पिच तैयार करती थीं. औरंगाबाद में अकबरुद्दीन ओवैसी की एंट्री के बाद सियासी गलियारों में बवाल मच गया था.