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Aurangzeb Kabar: नागपुर हिंसा में मुसलमानों की भी गलती; कांग्रेस नेता का महाराष्ट्र CM को बड़ा चैलेंज

Aurangzeb Kabar: औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद अभी रुका नहीं है. कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चैलेंज दिया है कि अगर उनमें हिम्मत है तो वह औरंगजेब की कब्र को हटाकर दिखाएं.

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Aurangzeb Kabar: नागपुर हिंसा में मुसलमानों की भी गलती; कांग्रेस नेता का महाराष्ट्र CM को बड़ा चैलेंज
Sami Siddiqui |Updated: Mar 22, 2025, 08:05 AM IST
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Aurangzeb Kabar: औरंगजेब की कब्र को लेकर अभी विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अब कांग्रेस नेता का इस मामले में बयान आया है. हुसैन दलवई ने नागपुर हिंसा को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जोरदार निशाना साधा है. उन्होंने मुख्यमंत्री फडणवीस को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनमें हिम्मत है तो मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र हटाकर दिखाएं.

हिम्मत है तो औरंगजेब की कब्र हटाएं

शुक्रवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने एक कमेटी बनाई है, जिसमें मैं भी शामिल हूं. हम लोग वहां जाएंगे और सच्चाई लोगों के सामने लाएंगे. कांग्रेस नेता ने सीधे तौर पर इस इस हिंसा का जिम्मेदार सीएम को बताया.

नागपुर हिंसा पर सीएम के बयान

दलवई आगे कहा कि हिंसा क्यों हुई? इसके पीछे आप देखेंगे कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जिस तरह से औरंगजेब की कब्र को हटाने से जुड़े बयान दिए थे. उनके बयानों ने मुसलमानों के खिलाफ एक माहौल तैयार किया. औरंगजेब की कब्र औरंगाबाद में है. नागपुर में आंदोलन करने की क्या जरूरत थी? अगर देवेंद्र फडणवीस में हिम्मत है तो औरंगजेब की कब्र हटाएं. 

औरंगजेब से जुड़ा मराठा समाज का इतिहास

हुसैन दलवई ने कहा औरंगजेब की कब्र का यहां रहने से हमारा इतिहास हमें बताता है कि औरंगजेब मरने के लिए दिल्ली जाना चाहता था, लेकिन वह नहीं जा पाया. इससे हमारा मराठा समाज का इतिहास जुड़ा हुआ कि कैसे हमारे मराठा समाज के शूरवीरों ने औरंगजेब को यहां घुटने टेकने को मजबूर कर दिया था.

नागपुर आंदोलन पर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता ने आगे नागपुर आंदोलन पर सवाल खड़े किए. उन्होंने इस दौरान कहा कि यह सिर्फ असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है. जिस तरह से चादर को जलाया गया, उससे मेरी भी भावना आहत हुई है. जिन लोगों ने यह काम किया, अगर पुलिस उन्हें पहले जेल में डाल देती, तो हिंसा नहीं होती. 

मुसलमानों की भी है गलती

हुसैन ने इस हिंसा में मुसलमानों की भी गलती बताई. उन्होंने कहा मुसलमानों ने भी गलती की है. उन्हें पुलिसकर्मियों पर हमला नहीं करना चाहिए था. महिला कर्मियों पर हमला करना निंदनीय है. मैं हिंसा के खिलाफ हूं. हमारा नेता गांधी जी है. मुसलमान अहिंसा के तहत विरोध जता सकते थे. लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया. इससे साफ होता है कि इनके पास नेतृत्व की कमी है और भाजपा और आरएसएस वाले जानबूझकर ऐसे मुद्दों को आपके सामने उठाते हैं, जिससे आप भड़क जाते हैं. मुसलमानों में भी कुछ ऐसे हैं जो भाजपा-आरएसएस की मदद करते हैं. यह फहीम खान कौन है. इसकी भी जांच होनी चाहिए.

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