Bareilly Ala Hazrat Dargah: पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरे देश सतर्क है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और आतंकी संगठन अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए लगातार साजिश रच रहे हैं. इस बीच सुन्नी बरेलवी मुसलमानों के केंद्र दरगाह आला हजरत ने भी भारतीय मुसलमानों को पाकिस्तानी उलेमा के बहकावे से सतर्क रहने की अपील की है.
आतंकियों के मंसूबों को नाकाम बनाने की अपील तरे हुए उलेमा ने कहा कि वर्तमान में युद्ध जैसे हालात हैं और पाकिस्तान हमारा दुश्मन देश है. इसी बीच कई पाकिस्तानी मौलवी सोशल मीडिया के जरिए भारत के मुस्लिम युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में उनकी वीडियो, सोशल मीडिया पोस्ट और आर्टिकल्स से दूरी बनाए रखें.
उलेमा का कहना है कि धर्म के नाम पर बहकावे में न आएं, क्योंकि यह देश, समुदाय और धर्म सभी के खिलाफ है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. भारतीय फौज ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिये आतंकियों के कई ठिकानों को तबाह कर दिया है. इसके बावजूद सरहद पार से आतंकी लगातार साजिश रच रहे हैं.
अपने मंसूबों को मूर्त रुप देने के लिए पाकिस्तानी मौलवी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं और इस्लामी तालीम की आड़ में भारतीय मुसलमानों को फंसाने की साजिश कर रहे हैं. देश के कई हिस्सों से ऐसी रिपोर्टें आई हैं कि मुस्लिम युवाओं ने पाकिस्तानी पोस्ट शेयर की और उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा.
इसी को ध्यान में रखते हुए दरगाह आला हजरत में स्थित मदरसा मंजर-ए-इस्लाम में शुक्रवार को एक अहम बैठक बुलाई गई. दरगाह के प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खान और सज्जादा नशीन मुफ्ती अहसन मियां की ओर से मुस्लिम समाज के लिए खास संदेश जारी किया गया है.
दरगाह आला हजरत से से जुड़े नासिर कुरैशी ने यह खास संदेश देते हुए कहा, "युद्ध के माहौल में बहुत कुछ बदल जाता है. जिसने हमारे देश पर हमला किया, वह हमारा दुश्मन है. दुश्मन का समर्थन करना या उसके विचारों का प्रचार करना कानूनन अपराध है." उन्होंने कहा कि "ऐसा करने पर कड़ी धाराओं में केस दर्ज हो सकता है. इससे न सिर्फ आप बल्कि आपकी पूरी फैमिली मुश्किल में पड़ सकती है."
नासिर कुरैशी ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल बहुत ही सावधानी और दुश्मन की साजिश से सतर्क रहते हुए करने की अपील की. उन्होंने कहा कि "आपकी एक छोटी-सी गलती पूरे परिवार को परेशानी में डाल सकती है. दुश्मन देश की तारीफ या समर्थन से जुड़ा कोई भी कंटेंट शेयर न करें."
इस खास संदेश में दरगाह आला हजरत की तरफ से कहा गया है कि "वतन से मोहब्बत और वफादारी हमारी धार्मिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है. आज बहुत से पाकिस्तानी मौलवी धर्म, शरीयत, इस्लाम और अकीदे के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. यही लोग हमारे बुजुर्गों और औलिया की तौहीन भी करते हैं. इनसे सावधान रहें."
बैठक में उलेमाओं ने यह भी कहा कि कुछ 'आजाद ख्याल' वाले मौलवी, आला हजरत के फतवों और 'ताजुलशरीया' की तालीम के खिलाफ बातें कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि वे मुस्लिम युवाओं को ऐसी रस्मों और आदतों का आदी बना रहे हैं जो आला हजरत के पैगाम से मेल नहीं खातीं है. इसलिए धोखे में न आएं.
इस मौके पर मशहूर मुफ्ती जमील खान ने पाकिस्तान के जरिये की जा रही साजिश पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, "तालीम की कमी की वजह से कई नौजवान यह समझ ही नहीं पाते हैं कि जो पोस्ट उनके पास आई है, वह राष्ट्रविरोधी है या धर्मविरोधी. वे सिर्फ थंबनेल देखकर भावनाओं में बह जाते हैं. उन्हें और सतर्क रहने की जरूरत है."
नौजवानों को नसीहत करते हुए मौलाना अख्तर ने भी सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है. उन्होंने कहा, "आज के दौर में सोशल मीडिया एक बेहद खतरनाक हथियार बन चुका है, जो आपकी एक छोटी सी गलती पर भी आपको बड़ी परेशानी में डाल सकता है."