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Bareilly में 250 मदरसों को नोटिस, मौलाना शाहबुद्दीन सील करने के बजाय दे दो मान्यता

Maulana Shahbuddin ने इल्जाम लगाया है कि बरेली में 250 मदरसों को नोटिस दिया गया है. उन्होंने सरकार के इस फैसले को गैर संवैधानिको करार दिया है. पूरी खबर पढें.

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Bareilly में 250 मदरसों को नोटिस, मौलाना शाहबुद्दीन सील करने के बजाय दे दो मान्यता
Sami Siddiqui |Updated: Jul 23, 2025, 10:56 AM IST
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Maulana Shahbuddin: मौलाना शाहबुद्दीन ने इल्जाम लगाया है कि बरेली में 250 मदरसों को नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि मदरसों के साथ सौतेला व्यव्हार आज से नहीं हो रहा है, बल्कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौर से है. 

आजम खान ने बंद की थी मान्यता देना

मौलाना शाहबुद्दीन ने कहा कि 2016 के दौरान समाजवादी पार्टी की सरकार थी और आजम खान उस वक्त माइनोरिटी मिनिस्टर थे. इस दौरान तहतानिया और फौकानिया  की मान्यता को जिला स्तर बंद कर दी, और इसके बाद शासन स्तर पर आलिया की मान्यता बंद कर दी गई. अब ऐसा हुआ है कि आज की सरकार ने उसे पूरी तरह से बंद करने का नोटिस जारी किया है.

बरेली में मदरसों को नोटिस

मौलाना शाहबुद्दीन ने बताया कि खंड विकास अधिकारी के जरिए मदरसों को नोटिस दिया गया है. ऐसा करना गैर संवैधानिक है, क्योंकि संविधान अल्पसंख्यकों को अधिकार देता है कि वह अपनी मजहबी तालीम को आगे बढ़ाने के लिए एजुकेशन इंस्टीट्यूट खोल सकता है. जब संविधान इस बात की इजाजत देता है तो सरकार कौन होती है मदरसों को बंद करने वाली?

सरकार किन मदरसों को कर सकती है बंद?

मौलाना शाहबुद्दीन ने कहा कि सरकार केवल उन मदरसों को बंद कर सकती है, जिन्हें वह अनुदान यानी फंड करती है. जिन्हें सरकार फंड नहीं करती है, उन्हें बंद करने का अधिकार उसके पास नहीं है. अगर ये मदरसे बंद किए गए तो लाखों बच्चों की एजुकेशन का क्या होगा?

गैर मान्यता प्राप्त मदरसों पर क्या बोले

उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार शिक्षा देने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर एक बड़े तबके को एजुकेशन से दूर रख रही है. ये फैसले संविधान के खिलाफ हैं. मौलान शाहबुद्दीन कहते हैं कि सरकार को चाहिए जिन मदरसों को मान्यता नहीं मिली हुई है, उन्हें मान्यता देने का काम करे. मानक सेट करें, और जो मदरसे उन पर खरे उतरते हैं, उन को मान्यता दी जाए.

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