Bengaluru: राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RGUHS) ने बेंगलुरु में मौजूद एक नर्सिंग कॉलेज में कथित हिजाब और बुर्का प्रतिबंध के मामले की जांच शुरू कर दी है. यह कदम जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (JKSA) के जरिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से हस्तक्षेप की मांग के बाद उठाया गया.
JKSA ने सीएम को दिए गए एक ज्ञापन में आरोप लगाया था कि श्री सौभाग्य ललिता कॉलेज ऑफ नर्सिंग की मैनेजमेंट ने चार छात्राओं को हिजाब या बुर्का पहनने की वजह से क्लासेज में शामिल होने से रोक दिया और उन्हें कॉलेज से निकालने की धमकी भी दी.
RGUHS के रजिस्ट्रार (इवैल्युएशन) रियाज़ बाशा ने The Indian Express से बातचीत में कहा,"हम कॉलेज के प्रिंसिपल और चेयरमैन की बात सुन चुके हैं. अब हमने कश्मीरी छात्राओं को यूनिवर्सिटी बुलाया है ताकि उनका पक्ष भी सुना जा सके. इसके बाद हम सरकार के नियमों के अनुसार कार्रवाई करेंगे."
कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि प्रैक्टिकल क्लास में जाने से पहले केवल पहचान के लिए छात्राओं से हिजाब हटाने को कहा गया था, ताकि किसी और के जगह बैठने की संभावना न हो. लड़कियों को हिजाब हटाकर पहचान करवाने को कहा गया था, लेकिन बाद में उन्हें दोबारा पहनने की अनुमति दी गई थी.
इसके अलावा, क्लीनिकल पोस्टिंग और मरीजों के दौरे पर हिजाब या बुर्का की इजाजत नहीं है. उस दौरान छात्रों को केवल यूनिफॉर्म (एप्रन) पहनना जरूरी है. रियाज़ बाशा ने साफ किया कि RGUHS किसी भी प्रकार के धार्मिक भेदभाव की इजाज़त नहीं देता. जो नियम लागू होते हैं, वे सिर्फ मरीजों की सुरक्षा और छात्रों के हित को ध्यान में रखकर होते हैं."