Krishna Janmabhoomi-Shahi Eidgah case: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में मुकदमों की स्थिरता को चुनौती देने वाले आवेदन को खारिज कर दिया है. जस्टिस मयंक कुमार जैन की एकल बेंच ने यह फैसला सुनाया. शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट के ऑर्डर 7 रूल-11 का एप्लीकेशन पर यह फैसला आया है.
अदालत के इस फैसले के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि अगर मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाएगा तो वे तैयार हैं. उन्होंने कहा, "आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शाही ईदगाह मस्जिद द्वारा दायर आदेश 7 नियम 11 के आवेदन को खारिज कर दिया है और माना है कि ये सभी 18 मुकदमे पूजा स्थल अधिनियम द्वारा वर्जित नहीं हैं... सुनवाई की अगली तारीख 12 अगस्त है. रिजल्ट है कि मुकदमे आगे बढ़ेंगे और स्थिरता के मुद्दे पर मुकदमे में दखल देने के इरादे और प्रयास को खारिज कर दिया गया है, हम सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कैविएट दाखिल करेंगे और अगर शाही ईदगाह मस्जिद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाती है, तो हम वहां उपस्थित होंगे. "
बता दें कि कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के पास स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को "हटाने" की मांग को लेकर कई मुकदमे दायर किए गए हैं. वादियों का दावा है कि औरंगजेब के वक्त बनी इस मस्जिद को मंदिर के विध्वंस के बाद बनाई गई है. इसी को लेकर मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने अपनी याचिका में इन मुकदमों को चुनौती दी थी
मुस्लिम पक्ष की तरफ से मस्जिद मैनेजमेट कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने तर्क दिया था कि मस्जिद को पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत प्रतिबंधित किया गया था. मुस्लिम पक्ष के मुताबिक, मुकदमा खुद इस तथ्य को एक्सेप्ट करता है कि जिस मस्जिद की बात हो रही है उसका निर्माण 1669-70 में किया गया था.
वहीं, हिंदू पक्ष द्वारा दायर मुकदमों में कहा गया है कि मथुरा में कटरा केशव देव मंदिर के 13.37 एकड़ पर शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई है.