Bhagalpur News Today: बिहार के भागलपुर जिले में स्थित ऐतिहासिक कस्बा सुल्तानगंज गंगा-जमुनी तहजीब के लिए मशहूर है. सुल्तानगंज में गंगा किनारे बसा अजगैबीनाथ मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है और यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. हालांकि, सुल्तानगंज नाम को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है. नगर परिषद के जरिये इसके नाम को बदलकर "अजगैबीनाथ धाम" करने का प्रस्ताव पारित किया गया है और यह मामला अब राज्य सरकार के दरवाजे तक पहुंच चुका है.
इस नाम परिवर्तन की मांग को धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान से जोड़ा जा रहा है. नाम बदलने की मांग करने वालों का दावा है कि यह वही स्थान है जहां राजा भगीरथ और जाह्नवी मुनि की कथा जुड़ी है और अजगैबीनाथ महादेव मंदिर स्थित है. श्रावण माह में यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, गंगा में स्नान करते हैं और देवघर के लिए बोल बम के नारों के साथ सफर के लिए रवाना होते हैं.
अब सवाल यह है कि क्या धार्मिक भावनाओं की आड़ में किसी ऐतिहासिक नाम को मिटाना वाजिब है? क्या यह सिर्फ आस्था का मामला है या फिर मुस्लिम विरासत से जुड़ी पहचान को धीरे-धीरे मिटाने की एक और सोची-समझी साजिश? "सुल्तानगंज" नाम सिर्फ एक पहचान नहीं है, यह उस इतिहास का हिस्सा है जो सदियों से भारत की गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक रहा है. मुगल काल में रखे गए हजारों नाम आज भी हमारी संस्कृति में मौजूद हैं. क्या अब उन सभी नामों को बदलकर उन्हें धार्मिक एजेंडे के तहत ढालने की तैयारी है?
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ बीजेपी के स्थानीय नेता और दक्षिणपंथी संगठन इस नाम को बदलने का पुरजोर समर्थन कर रहे हैं. वहीं, मंदिर के महंत और स्थानीय कांवड़ विक्रेता इसे एक धार्मिक आंदोलन बता रहे हैं. दक्षिणपंथीं संगठनों और बीजेपी नेताओं ने कई दुकानों, घर और बैनरों पर "अजगैबीनाथ धाम" लिखवाना शुरू कर दिया है.
नगर परिषद के वार्ड पार्षद कृष्ण कुमार ने इस मुद्दे पर सबसे पहले आवाज उठाने वालों में से एक हैं. उन्होंने कहा कि यह एक धार्मिक स्थल है, इसका नाम सुल्तानगंज नहीं बल्कि 'अजगैबीनाथ धाम' होना चाहिए. इस पर हमने एक प्रस्ताव पास कर राज्य सरकार को भेज दिया है, अब विभाग को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.
अजगैबीनाथ मंदिर के महंत और मुख्य पुजारी प्रेमानंद गिरी ने कहा कि हम लोग बीते चार से पांच सालों से लगातार कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि इस जगह का नाम 'अजगैबीनाथ धाम' था, इसलिए दोबारा इस जगह का नाम 'अजगैबीनाथ धाम' रखा जाए. उन्होंने दावा किया कि नगर परिषद ने प्रस्ताव भेज दिया है और लगभग 50 फीसदी नाम बदलने का काम पूरा हो चुका है.