Bijnor: उत्तर प्रदेश के बिजनौर के शेरकोट कस्बे से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक मौलाना के खिलाफ गाजा के लिए चंदा इकट्ठा करने के मामले में केस दर्ज किया गया है. शहर के इमाम जकी पर गंभीर इल्जाम लगे हैं. आरोप है कि वह पैसा न देने वालों के खिलाफ फतवा जारी करने की धमकी दे रहे थे और लोगों से पैसा वसूल रहे थे. एक इलाकाई शख्स ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया हैय.
जकी और उनके दो सहयोगियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है. मोहल्ला शेखान निवासी इरशाद पुत्र अब्दुल रशीद ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया कि शहर इमाम मौलाना जकी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर ग़ाज़ा की मदद के नाम पर स्थानीय लोगों से जबरन पैसे वसूले. जब कुछ लोगों ने रुपये देने से इनकार किया, तो उन्हें फतवा जारी कराने की धमकी दी गई.
सीओ अफजलगढ़ राजेश सोलंकी ने बताया कि मौलाना जकी समेत तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि वसूली गई राशि ग़ाज़ा भेजी भी गई या नहीं और कहीं यह मामला विदेशी फंडिंग अथवा अवैध लेनदेन से तो नहीं जुड़ा है.
शहर के लोग इस मामले में दो भागों में बंट गए हैं. एक वह हैं जो इस गिरफ्तारी को गलत बता रहे हैं वहीं दूसरे लोगों का कहना है कि चंदा इकट्ठा करने के लिए धमकी का सहारा लेना सही नहीं है.
जब इस मामले में शहर इमाम मौलाना जकी से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा कि वह फिलहाल अस्वस्थ हैं और बाद में इस मामले में अपनी बात रखेंगे. बताया गया है कि शेरकोट की जामा मस्जिद के मौजूदा शहर इमाम मौलाना जकी मूल रूप से सहारनपुर के देवबंद कस्बे के मोहल्ला रविदास नगर के निवासी हैं. वह बीते कई सालों से शेरकोट में इमाम की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.