Assam News Today: असम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली हिमंता बिस्वा सरमा लगातार मुसलमानों को निशाना बना रही है. इंसाफ के लिए आवाज उठाने वालों के खिलाफ असम सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है. गुरुवार (10 जुलाई) को धबुरी में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के सभी विधायकों ने बुलडोजर एक्शन में अपना आशियाना गंवाने वालों के पुनर्वास और मुआवजे की मांग सकी.
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने इस प्रदर्शन का आयोजन बिलासीपारा में किया था. इस विरोध प्रदर्शन में पार्टी के सभी विधायक शामिल हुए. AIUDF की ओर से बीजेपी सरकार से मांग की गई कि जिन लोगों के घर प्रशासन ने बुलडोजर से तोड़ा, उन्हें बारिश में काफी पेरशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार को उन्हें कम से कम 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.
इस प्रदर्शन के दौरान जब AIUDF के विधायक स्थानीय लोगों के साथ सड़क पर उतरकर मार्च करने लगे, तो असम पुलिस ने कार्रवाई करते हुए AIUDF के आठ विधायकों को हिरासत में ले लिया है. AIUDF नेताओं का है कि सरकार एकतरफा कार्रवाई कर रही है और गरीब परिवारों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए जबरन बेघर किया जा रहा हैॉ। पार्टी का आरोप है कि यह केवल अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं, बल्कि एक समुदाय को निशाना बनाने की साजिश है।
पुलिस प्रशासन की ओर से कहा गया है कि प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियातन विधायकों को हिरासत में लिया गया है. वहीं गिरफ्तार हालांकि, देर शाम तक उन्हें रिहा किए जाने की संभावना जताई जा रही थी. AIUDF प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लोकतंत्र का गला घोंटना है और पार्टी जनता के अधिकारों की आवाज उठाती रहेगी.
बता दें, असम सरकार ने धुबरी जिले में एक बिजली परियोजना को बनाने के लिए 1,400 बंगाली मूल के मुस्लिम परिवारों के घरों को ढहा दिया है. यह कार्रवाई लगभग 1157 एकड़ सरकारी जमीन से लोगों को बेदखल कर की गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन जमीनों को असम पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (APDCL) को पहले ही बिजली संयंत्र के निर्माण के लिए आवंटित की जा चुकी है.
प्रभावित लोगों का कहना है कि वे पिछले 30 से 40 सालों से वह इस इलाके में रह रहे थे. हटाए गए परिवारों में से अधिकतर ब्रह्मपुत्र नदी के कटाव से उजड़े लोग हैं, जिन्होंने यहां बसकर नए सिरे से जीवन शुरू किया थाद. चिराकुटा 1 और 2 में चरुआखरा जंगल ब्लॉक और संतेशपुर गांव (चापर राजस्व क्षेत्र के अंतर्गत) के करीब 10,000 लोग इस कार्रवाई से प्रभावित हुए .