trendingNow/zeesalaam/zeesalaam02422826
Home >>Muslim News

Uttrakhand के गावों में मुस्लिमों की नो एंट्री पर नाराज हुआ सिविल सोसाइटी! उठाया ये कदम

Uttrakhand Muslim News: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में कई गांवों में मुसलमानों के खिलाफ बोर्ड लगाए गए. बोर्ड में लिखा गया कि गांव में मुसलमानों के आने पर पाबंदी है. इस पर कई विद्वानों के समूह ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को खत लिखा और कार्रवाई की मांग की.

Advertisement
Uttrakhand के गावों में मुस्लिमों की नो एंट्री पर नाराज हुआ सिविल सोसाइटी! उठाया ये कदम
Zee Salaam Web Desk|Updated: Sep 10, 2024, 02:37 PM IST
Share

Uttrakhand Muslim News: उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले के कई इलाकों में गांवों के एंट्री गेट पर आपत्तिजनक ‘साइनबोर्ड’ दिखाई देने के मद्देनजर कई सेवानिवृत्त सिविल सेवकों और शिक्षाविदों वाले एक नागरिक समाज समूह ने मुसलमानों से कथित भेदभाव के खिलाफ सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खत लिखा. रुद्रप्रयाग जिले के कई इलाकों में गांव वालों ने अपने गांवों के एंट्री गेट पर बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगाने का उल्लेख करने वाले ‘साइनबोर्ड’ लगा दिए हैं.

मुसलमानों के खिलाफ बोर्ड
सिरसी, रामपुर-न्याल्सू और दूसरे गांवों में ‘साइनबोर्ड’ लगाए गए हैं. ग्रामीणों के मुताबिक, शुरू में इन साइनबोर्ड में "गैर-हिंदुओं" पर पाबंदी लगाने की बात कही गई थी, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप के बाद इसमें बदलाव करके "बाहरी लोगों पर प्रतिबंध" लगाने की बात लिखी गई है. हालांकि, पुलिस ने बाद में कहा कि आपत्तिजनक ‘साइनबोर्ड’ हटा दिए गए हैं. पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल ने कहा, "गुप्तकाशी पुलिस थाना इलाके में छह जगहों पर लगाए गए साइनबोर्ड आपत्तिजनक थे और उन्हें हटा लिया गया है." उन्होंने कहा कि लोगों से सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए कहा गया है.

यह भी पढ़ें: Watch: इलाके में मुसलमानों पर लगी रोक! उत्तराखंड के कई गांवों के बाहर लगा 'चेतावनी' का बोर्ड

खत में क्या लिखा?
धामी को लिखे एक पत्र में ‘सिटीजन्स फॉर फ्रेटरनिटी’ ने कहा कि देश का नागरिक होने के नाते उन्होंने उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों में "मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव" से जुड़ी खबरों से निराशा हुई है. खत में ये भी कहा गया है कि कई मुस्लिम दशकों से वहां के निवासी हैं और कारोबार कर रहे हैं. खत पर पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जमीर उद्दीन शाह, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और पूर्व आईआरएस सैयद महमूद अख्तर सहित कई लोगों के हस्ताक्षर हैं.

ये लोग होंगे जवाबदेह
खत में कहा गया है कि संविधान धर्म, जाति या क्षेत्र के आधार पर भेदभाव नहीं करता है. नागरिक समाज समूह ने कहा, "हमारा मानना ​​है कि अगर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए."

Read More
{}{}