Chhattisgarh News Today: छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में बांग्लादेश, रोहिंग्या और दूसरे राज्यों से आए लोगों की पहचान कर उनकी धरपकड़ की जा रही है. यह कार्रवाई बांग्लादेश में हुए तख्ता पलट और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के चलते गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के बाद की जा रही है. आईजी के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में जिले के तीन थानों में टीम बनाई गई है, जो बाहर से आए लोगों की जांच-पड़ताल कर रही है.
पुलिस टीम संदिग्धों के आधार कार्डों की जांच कर रही है. अब तक कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पकड़े गए लोग पश्चिम बंगाल का आधार कार्ड दिखा रहे हैं, लेकिन उनके असली दस्तावेज संदेहास्पद लग रहे हैं. पुलिस का मानना है कि ये लोग असल में बांग्लादेशी हो सकते हैं, जो फर्जी आधार कार्ड बनाकर जिले के ग्रामीण इलाकों में छिपकर रह रहे हैं.
शेख हसीना सरकार के तख्ता पलट के बाद पूरे देश में अवैध बांग्लादेशी नागिरकों की पहचान और निगरानी जारी है. पूरे गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में पुलिस लगातार सर्चिंग कर रही है. जिन लोगों को पकड़ कर जांच के लिए लाया गया है, उनमें किराए पर रहने वाले और मजदूरी करने वाले भी शामिल हैं. पुलिस संदिग्धों के फिंगरप्रिंट लेकर उन्हें सॉफ्टवेयर में अपलोड कर उनके आपराधिक रिकॉर्ड की भी जांच कर रही है.
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के पुलिस अधीक्षक ओंम चंदेल का कहना है कि इस अभियान में अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिकों की पहचान कर उनका पता लगाया जाएगा और जरुरी कार्रवाई की जाएगी, जिससे जिले में कानून व्यवस्था बनी रहे.
इसी तरह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों की तलाश के लिए पुलिस ने विशेष टीम का गठन किया है. अवैध प्रवासी और घुसपैठियों की जांच के लिए राज्य में पहली बार विशेष जांच दल (STF) का गठन किया गया है. बिलासपुर पुलिस ने भी अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या की जांच के लिए टीम गठित की है.
यह टीम पुलिस के इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर उन इलाकों की पहचान करेगी जहां अवैध रूप से बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं. इसके बाद टीम दस्तावेजों की जांच करेगी और अगर कोई अवैध प्रवासी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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