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काशी, मथुरा और संभल के बाद क्या अजमेर भी है निशाने पर; याचिका पर कोर्ट की 'हाँ'

Ajmer Dargah Controversy: हाल ही में देश में कई विवादित मस्जिदों के सर्वेक्षण किए गए हैं. अब हिंदू सेना ने अदालत में दावा किया है कि दरगाह अजमेर पुराना शिव मंदिर है. इस पर अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली है और इस मामले से जुड़े लोगों को नोटिस जारी किया है.

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काशी, मथुरा और संभल के बाद क्या अजमेर भी है निशाने पर; याचिका पर कोर्ट की 'हाँ'
Siraj Mahi|Updated: Nov 27, 2024, 07:12 PM IST
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Ajmer Dargah Controversy: देश की सबसे मशहूर दरगाहों में से एक अजमेर दरगाह पर हिंदू पक्ष ने दावा किया है. दावा किया जा रहा है कि यह दरगाह संकट मोचन महादेव मंदिर है. इस मामले में अजमेर सिविल अदालत में सुनवाई हुई है. अदालत ने उस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जसमें दावा किया जा रहा है कि यह मंदिर है. हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दावा किया है कि यह दरगाह मंदिर है. 

अदालत ने दिए नोटिस के आदेश
इस मामले में आज न्यायिक मजिस्ट्रेट अजमेर पश्चिम की कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मामले के तीन पक्षकारों को नोटिस जारी कर अपने पक्ष रखने के आदेश दिए हैं. इस मामले में अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी और पुरातत्व विभाग को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के लिए 20 दिसंबर की तारीख तय की गई है. 20 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी.

सबूत के तौर पर पेश की किताब
अदालत ने बुधवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि इससे जुड़े लोगों को नोटिस जारी किए जाएंगे. अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर ऐसे वक्त विवाद हो रहा है जब यहां सालाना उर्स शुरू होने वाला है. हिंदू सेवा ने दावा किया है कि दरगाह में पुराना शिव मंदिर है. हिंदू सेवा ने अपने दावे के सपोर्ट में साल 1911 में छपी किताब 'अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव' का हवाला दिया. इस किताब को सबूत के तौर पर अदालत में पेश किया गया. याचिका में हिंदू सेना ने दरगाह के सर्वेक्षण कराने की मांग की. साथ ही कथित तौर पर कब्जे को हटाने की मांग भी की. 

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दरगाह कमेटी का बयान
इस मामले में एक पक्षकार दरगाह कमेटी की ओर से बयान आया है. उन्होंने कहा है कि अदालत आदेश की प्रति मिलने पर वकील से चर्चा करेंगे. न्यायिक प्रक्रिया के तहत फैसला लिया जाएगा. 
बयान में कहा गया है कि दरगाह आस्था और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है. विश्वभर मे दरगाह के करोड़ों अनुयायी हैं. हमने कई दौर झेले हैं. तीन साल से हिन्दू सेना इस तरह के बयान बाजी कर रही है. ऐसे हालत देश के लिए हित मे नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि गरीब नवाज की दरगाह है और रहेगी.

पहले हुए सर्वे
आपको बता दें कि काशी में मौजूद ज्ञानवापी मस्जिद पर भी विवाद जारी है. चार महिलाओं ने अदालत से कहा है कि उन्हें मस्जिद परिसर श्रृंगार गौरी और कुछ अन्य देवी-देवताओं के दर्शन-पूजन की इजाजत दी जाए. इसी तरह से मथुरा में मौजूद शाही ईदगाह पर दावा किया जा रहा है कि यह श्रीकृष्ण की जमीन पर बना है. हाल ही में दावा किया गया कि संभल में मौजूद शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है. इसके बाद इसके सर्वे की इजाजत दी गई. सर्वे के दौरान पुलिस और पब्लिक के दरमियान विवाद हो गया. विवाद में 4 लोगों की मौत हो गई.

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