Deeg News Today: राजस्थान में हालिया कुछ महीनों में गौतस्करी के नाम पर समुदाय विशेष को निशाना बनाया जा रहा है. इसी तरह का एक और मामला सामने आया है, जहां एक कथित पशु तस्कर को पुलिस ने मार गिराया. हालांकि, पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं.
यह पूरा मामला राजस्थान के डीग जिले का है, जहां बीते बुधवार को पुलिस के साथ हुई कथित मुठभेड़ में एक संदिग्ध पशु तस्कर की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया. पुलिस के मुताबिक, उन्हें पहाड़ी थाना क्षेत्र के थमी का गांव के पास जानवरों के अवैध ढुलाई के बारे में गुप्त सूचना मिली थी. इसकी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने एक तस्कर को रोकने की कोशिश की.
पुलिस का दावा है कि यह समूह पशु तस्कर हसाम मेवाती, उसके बेटे आशिक मेवाती और दो अन्य साथियों के नेतृत्व में मोटरसाइकिलों पर जानवरों से लदा एक मिनी ट्रक ले जा रहा था. पहाड़ी के एसएचओ योगेंद्र सिंह के मुताबिक, इसी दौरान पुलिस को देखते ही तस्करों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की.
पुलिस ने दावा किया कि यह मुठभेड़ करीब आधे घंटे तक चली. गोलीबारी में 30 वर्षीय आशिक मेवाती को गोली लगने से घायल हो गया. इसके बाद पुलिस ने घायल तस्कर इलाज के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई. आशिक मेवाती के पिता हसाम मेवाती पुलिस की गोली लगने से घायल हो गए, जिसका भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में इजाल चल रहा है.
भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि हसाम मेवाती तीन साल से ज्यादा वक्त से मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल था. उसके खिलाफ पशु तस्करी, पुलिस पर हमला समेत कई गंभीर अपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में मामले दर्ज हैं. आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि हसन मेवाती को गिरफ्तार करने के लिए उसके सिर 45 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था.
मीडिया में छपी खबरों मुताबिक, आईजी राहुल प्रकाश ने कहा, "पुलिस ने हसाम की गिरफ्तारी के लिए इनाम का ऐलान किया था. वह कई सालों से फरार था और कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल था. उसको पुलिस लंबे समय से तलाश कर रही थी." पुलिस ने बताया कि गोलीबारी के बाद तस्कर पशु ले जाने वाली गाड़ी के साथ फरार हो गए. दोनों ओर से चलाई गई गोलियों की संख्या का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक टीमों को बुलाया गया है. पुलिस ने कहा है कि मामले की जांच जारी है.
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