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Delhi: जामिया नगर में DDA के नोटिस पर ब्रेक; 4 परिवारों को मिली स्टे, अब PIL पर टिकी सबकी निगाहें!

Delhi High Court on DDA Demolition Notice: ईद-उल-अजहा से पहले दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी ने बटला हाउस के कई घरों पर ध्वस्तीकरण का नोटिस चस्पा किया था. खसरा नंबर 279 पर मौजूद मकानों पर भी नोटिस मिला था. डीडीए के नोटिस के खिलाफ विधायक अमानतुल्लाह खान के साथ स्थानीय प्रभावित परिवारों ने कोर्ट का रुख किया है. सबकी निगाहें 11 जून को होने वाली सुनवाई पर टिकी है.  

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फाइल फोटो
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Raihan Shahid|Updated: Jun 10, 2025, 01:07 PM IST
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Delhi News Today: दिल्ली के जामिया नगर के मुरादी रोड पर दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) की ओर से दी गई तोड़फोड़ की नोटिस के खिलाफ बड़ी राहत मिली है. ईद-उल-अजहा (बकरीद) से ऐन पहले मिले इस नोटिस ने स्थानीय निवासियों की टेंशन बढ़ा दी थी. इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने चार प्रभावितों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए डीडीए की कार्रवाई पर स्टे दिया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रभावितों की याचिकों पर सुनवाई के बाद डीडीए को उनकी प्रॉपर्टी पर कोई भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई न करने के निर्देश दिये हैं. इस संबंध में ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान की तरफ एक जनहित याचिका (PIL) भी दायर की गई है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.

ध्वस्तीकरण का नोटिस मिलने के बाद क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण हो गया था. हालांकि, टेंशन के बीच बकरीद का त्यौहार शांतिपूर्वक खत्म हो गया, लेकिन 15 जून के बाद क्या होगा, यह सवाल आज भी लोगों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. नोटिस के मुताबिक, 15 जून को अतिक्रमण हटाने की मियाद खत्म हो रही है. 

इन प्रभावितों को मिली राहत

इस दौरान कानूनी स्तर पर भी प्रयास किए गए हैं, जो कुछ हद तक सफल रहे हैं. हाई कोर्ट से इशरत जहां नाम की एक महिला सहित चार लोगों को राहत मिली है. याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में दावा किया था कि मुरादी रोड पर खसरा नंबर 279 के तहत उनके मकानों पर जो नोटिस चिपकाए गए हैं, वे वास्तव में खसरा नंबर 279 में नहीं आते हैं और उनकी जमीन पीएम उज्ज्वला योजना के तहत कवर होती है. 

याचिकाकर्ताओं की दलील पर दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच काफी हद तक सहमत दिखी, जिसके बाद कोर्ट ने डीडीए के ध्वस्तीकरण के निर्देश पर रोक लगाते हुए स्टे ऑर्डर दिया है. इसी को आधार बनाकर अब पीआईएल के जरिए प्रभावित व्यक्तियों ने अदालत का रुख किया है.

बीजेपी ने ध्वस्तीकरण पर जताई चिंता

डीडीए के नोटिस के बाद स्थानीय लोगों में दहशत है. कई सामाजिक संगठनों के साथ स्थानीय आप विधायक अमानतुल्लाह खान की ओर राजनीतिक स्तर पर भी कोशिशें की जा रही हैं. पीड़ित परिवारों के प्रति सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने समर्थन जताया है. बीजेपी ने पीड़ित प्रभावित परिवारों को विकल्प दिया है कि वह अपने एक प्रतिनिधिमंडल के जरिये पार्टी के सीनियर नेताओं के सामने अपना पक्ष रख सकते हैं. 

बीजेपी नेताओं के इस प्रस्ताव पर प्रभावितों ने कोई सकारात्मक रुख ने दिखाया है. बीजेपी ने चिंता जताई है कि अगर जामिया नगर में ध्वस्तिकरण की कार्रवाई हुई तो सैकड़ों लोग प्रभावित होंगे और कई परिवार सड़कों पर आ जाएंगे. यहा रहने वाले कई प्रभावित परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने घर खरीदने के लिए पूरे जिंदगी भर की कमाई लगा दी है.  

अमानतुल्ला खान की याचिका पर टिकी निगाहें

दिल्ली हाईकोर्ट ने आप विधायक अमानतुल्लाह खान के याचिक पर सुनवाई की, लेकिन कोर्ट इस मामले में तत्काल कोई अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है. हालांकि, कोर्ट ने इस याचिका पर 11 जून को सुनवाई करने पर सहमति जताई है, जिससे प्रभावित परिवारों को एक उम्मीद की रौशनी दिखाई पड़ रही है. 

गौरतलब है कि 15 जून को डीडीए के जरिये दिए गए नोटिस की मियाद खत्म हो रही है. विधायक अमानतुल्लाह खान की याचिका की पैरवी मशहूर वकील और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने की. इस याचिका का विरोध करते हुए डीडीए के वकील ने किसी भी तरह के अंतरिम राहत देने का पुरजोर विरोध किया. अब सबकी निगाहें हाईकोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी हैं.

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