Delhi News Today: दिल्ली हाई कोर्ट ने जामिया नगर, ओखला स्थित मुरादी रोड और खिजर बाबा कॉलोनी में ध्वस्तीकरण को लेकर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. ईद-उल-अजहा से पहले दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद प्रभावितों ने राहत की सांल ली है. फिलहाल अगली सुनवाई तक किसी भी तरह के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर पूरी तरह से रोक रहेगी.
कोर्ट ने साफ निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक विभाग कोई भी कदम न उठाए. यह फैसला जामिया नगर 115 निवासियों के जरिये दाखिल याचिका पर आया, जिसमें खसरा नंबर 277 में स्थित संपत्तियों को बचाने की गुहार लगाई गई थी. याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट डॉ. फर्रुख खान ने पैरवी की.
इस मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट में अगली सुनवाई अगस्त में होगी. इससे स्थानीय निवासियों को बड़ी राहत मिली है जो कई सालों से इन जगहों पर रह रहे हैं. ईद-उल-अजहा से पहले सिंचाई विभाग के ध्वस्तीकरण के नोटिस के बाद स्थानीय लोग चिंतित थे.
बता दें, बीते 22 मई को दिल्ली के ओखला इलाके में लोगों के घरों पर बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक नोटिस चिपका दिए गए. न कोई पुलिस मौजूद थी, न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी ने पहले से जानकारी दी. घरों की दीवारों पर लाल क्रॉस का निशान बना दिया गया और उसके साथ में हिंदी में नोटिस भी चस्पा था.
इस नोटिस में कहा गया कि ओखला गांव के खसरा नंबर 277 (खिजर बाबा कॉलोनी, मुरादी रोड) की जमीन उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग की है और उस पर अवैध रूप से मकान और दुकानें बना ली गई हैं. लोगों को 15 दिन के अंदर खुद से ये निर्माण हटाने को कहा गया है और ऐसा न करने वालों को किसी भी तरह के होने वाले नुकसान के लिए खुद जिम्मेदार बताया गया है.
यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के 8 मई को दिए उस आदेश के बाद हो रही है, जिसमें दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को तीन महीने के भीतर ओखला गांव में 4 बीघा से ज्यादा सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माणों को कानूनी प्रक्रिया के तहत गिराने का निर्देश दिया गया था. कोर्ट ने कहा था कि कार्रवाई से 15 दिन पहले नोटिस दिया जाए.