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बटला हाउस के लोगों को सता रहा बेघर होने का खतरा; बकरीद की खुशी मायूसी में बदली

DDA Demolition Notice in Batla House: जामिया नगर के निवासी डीडीए के नोटिस के बाद दहशत में हैं. बेघर होने के डर ने लोगों की ईद-उल-अजहा फीकी कर दी है. आज भी बटला हाउस के मुरादी रोड पर डीडीए की टीम सर्वे और मैपिंग करने के लिए पहुंची. इस मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद थी.  

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बटला हाउस में मैपिंग करने पहुंची डीडीए की टीम
बटला हाउस में मैपिंग करने पहुंची डीडीए की टीम
Raihan Shahid|Updated: Jun 04, 2025, 10:16 PM IST
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Delhi News Today: देश की राजधानी दिल्ली का जामिया नगर इलाका हमेशा सुर्खियों में बना रहता है. इसी इलाके में देश की सबसे मशहूर तालीमी इदारा जामिया मिल्लिया इस्लामिया है. इसके अलावा जामिया नगर का बटला हाउस इलाका, जाकिर नगर कपड़ों की मार्केट और लजीज खानों के लिए भी मशहूर है. हालांकि,  हालिया दिनों दिल्ली डेवलपमेंट ऑथारिटी (DDA) के जरिये कई मकानों को हटाने के लिए नोटिस थमाने की वजह से स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. 

जामिया नगर के मुरादी रोड पर 7 मई को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद से डीडीए ने बीते माह 26 मई को एक नोटिस चस्पा किया था, जिसमें इलाके के लोगों को 15 दिनों के अंदर दुकान, मकान खाली कराने के आदेश दिए हैं. डीडीए के जरिये दी गई 15 दिन की समय सीमा 11 जून को पूरी हो रही है. उससे पहले आज बुधवार (4 जून) को डीडीए के अधिकारियों ने बटला हाउस के मुरादी रोड पर पहुंचें.

मुरादी रोड पर अधिकारियों ने किया सर्वे

डीडीए के अधिकारियों को अचानक देखकर बटला हाउस में अफरा तफरी मच गई. मौके पर बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान भी थे, इस दौरान डीडीए अधिकारियों ने मुरादी रोड पर सर्वे और रोड मैपिंग की, जिसमें यह पता लगाया जा सके कि कौन सा मकान कितने मंजिल का है और कितने लोग रह रहे हैं.

हालांकि, दूसरी तरफ बीते दिनों स्थानीय लोगों ने डीडीए के नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी तरह का दखल देने से साफ इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कॉम्पिटेंट अथॉरिटी के पास जाएं और अगर वहां सुनवाई नहीं होती है, तब हमारे पास आएं. इसके बाद इलाके में एक डर और दहशत का माहौल बना हुआ है. 

बकरीद के त्यौहार से पहले छाई दहशत

आज बुधवार को भी जब डीडीए के अधिकारी सर्वे करने के लिए पहुंचे तो इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया. इलाके के लोगों का कहना है कि हम यहां पर 70 साल से ज्यादा से रह रहे हैं, ऐसे में अचानक DDA ने मकान खाली करने का नोटिस लगा दिया है. ईद-उल-अजहा का त्यौहार सिर पर है, ऐसे में वह अपना घर खाली करके कहां जाएं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई पिछले एक साल से चल रही थी, जिसमें सर्वे किया जा रहा था. तब तक हमें यह मालूम ही नहीं था कि कौन से खसरा नंबर पर डीडीए अपना दावा पेश कर रहा है. उन्होंने बताया कि यह मामला तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद साफ हुआ कि खसरा नंबर 279 डीडीए का है.

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