Delhi Riots 2020 News: दिल्ली में साल 2000 में हुए दंगों में अदालत ने कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को बड़ी राहत दी है. कड़कड़डूमा कोर्ट ने इशरत जहां के साथ नर्म रुख अपनाने हुए उन्हें देशभर में सफर करने की इजाजत दे दी है. हालांकि, कोर्ट ने ये भी कहा है कि देश से बाहर जाने के लिए उन्हें पहले ही अदालत से इजाजत लेने होगी. 2020 के दिल्ली दंगों के मामले में मुल्जिम इशरत जहां को 14 मार्च, 2022 को नियमित जमानत दी गई थी और उन पर दिल्ली और NCR को नहीं छोड़ने की शर्त लगाई गई थी. अब, चूंकि इशरत एक वकील है और बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में नामांकित है, तो उन्होंने मांग करते हुए कहा कि, जमानत मिलने के बाद से उसने किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है और हमेशा अदालत के आदेशों का पालन किया है.
पूर्व पार्षद इशरत जहां को राहत
कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशन जज समीर बाजपेयी ने कहा, "प्रार्थना की जाती है कि आवेदक के अच्छे आचरण को ध्यान में रखते हुए, जमानत आदेश को संशोधित किया जाए और आवेदक को राहत दी जाए. अभियोजन पक्ष ने इशरत जहां की एप्लिकेशन की मुखालेफत करते हुए दलील दी कि अदालत ने पहले ही उसे काफी स्वतंत्रता दे दी है और उस अवधि के दौरान उसके पिछले आचरण को देखते हुए जब उसके द्वारा कथित अपराध किए गए थे, उसे और राहत नहीं दी जानी चाहिए. हालांकि, जस्टिस बाजपेयी ने कहा कि जमानत दिए जाने के बाद से जांच एजेंसी या अभियोजन पक्ष ने अदालत के सामने ऐसा कोई तथ्य नहीं रखा, जिससे ये साबित हो कि, इशरत जहां ने जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन किया है.
देश से बाहर जाने के लिए लेनी होगी इजाजत
फिलहाल, अदालत ने आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि, इशरत जहां न तो अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश से बाहर जा सकती हैं और न ही किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि में शामिल होगी.बता दें कि, इशरत जहां ने यात्रा की शर्तों में संशोधन की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था. वकील सृष्टि खन्ना के साथ वकील आदिल बोपाराय ने बताया था कि, वो एक प्रैक्टिसिंग वकील हैं और कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्त कि वो एनसीआर से बाहर कानूनी प्रैक्टिस करने के नहीं जा सकती, उनको प्रभावित कर सकता है. हालांकि, अब कोर्ट ने उन्हें देशभर में सफर करने की इजाजत दे दी है.