Delhi Riots News: पूरे दिल्ली में हालिया दिनों 135 जजों के कार्यभार में फेरबदल किया गया है. जिसके बाद साल 2020 में हुए दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों की सुनवाई में फिर से देरी होने की आशंका बढ़ गई है. दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों में आरोप तय करने की प्रक्रिया चल रही थी, जिसके बाद ट्रायल शुरू होने की संभावना थी.
इस मामले में बीते कुछ महीनों में 18 आरोपियों में से पांच ने अपने पक्ष में बहस पूरी कर चुके हैं, लेकिन अब उन्हें नए सिरे से बहस करनी होगी. इसके साथ ही विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद और मधुकर पांडे को भी नए सिरे बहस शुरू करनी होगी, जबकि वह दिल्ली स्पेशल सेल की तरफ से अपनी बहस पहले ही पूरी कर चुके हैं.
कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशन जज (ASJ) ललित कुमार ने सोमवार को एक अहम आदेश दिया है. इसमें उन्होंने कहा, सभी वकील चाहे वह अभियोजन पक्ष के हों या बचाव पक्ष के, वो यह बताएं कि वे किस तरह और कितने समय में अपनी बहस पूरी कर लेंगे. ASJ ललित कुमार ने कहा कि आरोप तय करने और बहस में तेजी लानी होगी. इस मामले में अगली सुनवाई 6 जून को होगी.
गौरतलब हो कि एडिशनल सेशन जज ललित कुमार ने एडिशनल सेशन जज समीर बाजपेयी की जगह ली है. यह पहली बार था जब एएसजे ललित कुमार ने इस केस की सुनवाई की. इससे पहले ASJ समीर बाजपेई इस केस की सुनवाई कर रहे थे, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर उनका तबादला हो गया. यह दूसरी बार है जब केस जज के तबादले के कारण टला है.
इससे पहले अक्टूबर 2023 में ASJ अमिताभ रावत ने रोज़ाना सुनवाई का आदेश दिया था, लेकिन दिसंबर 2023 में उनका भी ट्रांसफर हो गया. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस केस की जांच कर रही है, जिसमें 2020 फरवरी के दंगों के पीछे साजिश का आरोप है। दंगों में 53 लोगों की जान गई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
दंगों के आरोपियों पर कड़े UAPA कानून और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत केस दर्ज है. इस केस में ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, गुलफिशां फातिमा, मीरान हैदर, शिफाउर्रहमान समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया है. नए जज के सामने अब दिल्ली पुलिस की 17 हजार पन्नों की चार्जशीट समेत सभी दस्तावेज फिर से पेश किए जाएंगे.