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Delhi दंगों के मामले में लोकेश सोलंकी को 3 साल की सजा, फिर कैसे हुआ रिहा?

Delhi News: दिल्ली दंगे के आरोपी लोकेश सोलंकी को कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है. हालांकि, उसे रिहा करना पड़ गया. वह दो समुदायों के बीच दुश्मनी फैलाने का काम कर रहा था.

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Delhi Violence File Photo
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Sami Siddiqui |Updated: Jul 11, 2025, 09:54 AM IST
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Delhi News: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान दुश्मनी और दंगे फैलाने के मामले में आरोपी को तीन साल की सजा और 2,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने कहा कि आरोपी लोकेश कुमार सोलंकी ने हिंसा को भड़काने का काम किया और किसी भी तरह से माफी के काबिल नहीं है.

जेल से कैसे हुआ रिहा?

हालांकि, कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि सोलंकी को रिहा कर दिया जाए क्योंकि वह पहले ही तीन साल से ज्यादा की सज़ा काट चुका है. कोर्ट ने कहा कि फरवरी 2020 में जब उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव फैला हुआ था, तब सोलंकी ऐसे मैसेज भेज रहा था जो दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ा रहे थे. एक व्हाट्सएप ग्रुप से सोलंकी की इस हरकत के बारे में पता लगा था.

वह अपने मैसेज के जरिए एक खास कम्यूनिटी के खिलाफ नफरत फैला रहा था और अपराध के लिए उकसा रहा था. ऐसे हालात में उसे किसी भी तरह की राहत नहीं दी जा सकती.

पुलिस ने क्या कहा?

दिल्ली पुलिस ने बताया कि आमिर खान नामक व्यक्ति की हत्या के एक अन्य एफआईआर की जांच के दौरान इंस्पेक्टर विनय त्यागी कुछ गवाहों के बयान दर्ज करने गए थे. उस वक्त मोहित शर्मा, शिवम भारद्वाज और डिम्पल पाल नाम के लोग जांच टीम के आस-पास घूम रहे थे और बातचीत सुनने की कोशिश कर रहे थे. इस पर पुलिस को शक हुआ और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके मोबाइल फोन से पता लगा कि मोहित शर्मा और शिवम भरद्वाज कट्टर हिंदू नाम के एक व्हाइट्सएप ग्रुप से जुड़े हुए हैं. जांच में बात सामने आई की कि ये व्हाइट्सएप ग्रुप सन 2020 और फरवरी के महीने में बनाया गया था. इसी ग्रुप से मुख्य आरोपी लोकेश सोलंकी के बारे में पता लगा था.

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