Jammu Kashmir News Today: केंद्र सरकार ने साल 2019 में धारा 370 में संशोधन कर जम्मू कश्मीर को दी गई विशेष स्थिति या स्वायत्तता को रद्द कर दिया और प्रदेश को दो हिस्सों में बांटकर पूर्ण राज्य का दर्जा भी छीन लिया. सियासी दल और स्थानीय लोग लगातार केंद्र सरकार से जम्मू कश्मीर को दोबारा पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. इस बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के एक बयान ने प्रदेश का सियासी पारा बढ़ा दिया है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करने की जोरदार मांग दोहराई है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर सरकार के गठन को आठ महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी तक राज्य का दर्जा वापस नहीं मिला है. उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य का दर्जा बहाल होने से प्रभावी शासन के लिए जरूरी प्रशासनिक शक्तियां भी मिलेंगी.
अब्दुल्ला ने चेतावनी दी कि अगर राज्य का दर्जा बहाल करने में बेवजह की देरी होती है, तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास अपने संवैधानिक अधिकार के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचेगा. उन्होंने कहा, "हम लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण संघर्ष के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन अगर हमें हमारे बुनियादी राजनीतिक अधिकारों से वंचित रखा गया तो हम चुप नहीं बैठेंगे." अब्दुल्ला ने संसद और सुप्रीम कोर्ट के जरिये किए गए वादों का हवाला देते हुए यह भी स्पष्ट किया कि राज्य का दर्जा कोई रियायत नहीं, बल्कि एक संवैधानिक अधिकार है.
फारूक अब्दुल्ला ने मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त करते हुए शांति का आह्वान किया. उन्होंने दुनिया के नेताओं से, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत की वकालत करने का आग्रह किया. अब्दुल्ला ने कहा, "मैं दुआ करता हूं कि ईश्वर ईरान और इजरायल दोनों को सद्बुद्धि दे. ट्रंप को शांति के बारे में बात करनी चाहिए. इस युद्ध को सिर्फ बातचीत और शांति से ही रोका जा सकता है."