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33 साल बाद UP के फतेहपुर में फिर दोहरा रहा अयोध्या का इतिहास; उपद्रवियों की भीड़ और लाचार प्रशासन दे रहा गवाही

Fatehpur Maqbara News: फतेहपुर जिले की सदर कोतवाली के आबूनगर इलाके में सांप्रदायिक तनाव भड़क गया है. यहां हिंदू संगठनों की भीड़ ने एक धर्मस्थल में तोड़फोड़ की और भगवा झंडा फहरा दिया. इस घटना ने बाबरी मस्जिद विध्वंस की यादें ताज़ा कर दी हैं.

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33 साल बाद UP के फतेहपुर में फिर दोहरा रहा अयोध्या का इतिहास; उपद्रवियों की भीड़ और लाचार प्रशासन दे रहा गवाही
Tauseef Alam|Updated: Aug 11, 2025, 04:41 PM IST
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Fatehpur Maqbara Mandir Dispute: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के सदर कोतवाली के आबूनगर इलाके में सांप्रदायिक तनाव एक बार फिर भयावह रूप में सामने आया है. यहां एक ताजा घटना ने सिर्फ शांति को चुनौती दी है, बल्कि 1992 के बाबरी विध्वंस के दर्दनाक अध्याय की यादें भी ताजा कर दी है. हिंदू संगठन के लोगों ने आबूनगर इलाके में मौजूद एक मकबरे को मंदिर बताकर तोड़ दिया. इतना ही नहीं भीड़ ने तोड़े हुए मकबरे पर भगवा झंडा फहरा दिया. इस दौरान हिंदू संगठन के लोगों ने मुसलमानों के खिलाफ अपमानजनक और भड़काऊ नारे लगाए गए. इस घटना के बाद इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. 

फतेहपुर के ज़िलाधिकारी रवींद्र सिंह दावा कर रहे हैं कि स्थिति नियंत्रण में है और क़ानून-व्यवस्था सामान्य है. इस बीच, एसपी अनूप सिंह ने बताया कि मौके पर पहले से ही पुलिस बल मौजूद था, लेकिन कुछ उपद्रवी तत्व जबरन मज़ार में घुस आए थे. उन्हें खदेड़ दिया गया है और सभी झंडे हटा दिए गए हैं और इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

कैसे हुई ये घटना
यह घटना आज करीब 10 बजे की है. आबूनगर इलाके में मौजूद मकबरे को तोड़ने के इरादे से बजरंग दल, हिंदू महासभा और अन्य संगठनों के करीब 2000 लोग लाठी-डंडों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. वहां मौजूद पुलिस ने पहले से ही मकबरे के चारों तरफ से बैरिकेड लगा रखे थे, लेकिन भीड़ बैरिकेड तोड़कर अंदर घुस गई और जमकर तोड़फोड़ की. हिंदू संगठनों ने दावा किया है कि यहां ठाकुरजी का मंदिर है. 300 नौजवान मकबरे के भीतर घुस गए और पूजा-पाठ शुरू कर दिया. साथ ही मकबरे के भीतर शंखनाद भी किया गया.

मुस्लिम भीड़ को देखकर उग्र हुई हिंदू भीड़
जैसे ही इस घटना की जानकारी मुस्लिम समुदाय को मिली, मज़ार के पास मुस्लिम समुदाय के लोग जमा हो गए. मुस्लिम भीड़ को देखकर हिंदू संगठन के लोग उग्र हो गए और तनाव बढ़ गया. दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया. हालात बिगड़ते देख पुलिस ने दोनों पक्षों पर लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 10 थानों की पुलिस मौके पर बुलाई गई है. इसके बाद हिंदू भीड़ डाक बंगला चौराहे पर पहुंच गई और सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगी.

6 जिलों से बुलाए गए SSP
हालात को देखते हुए प्रयागराज जोन के एडीजी संजीव गुप्ता खुद फतेहपुर पहुंचे हैं और जिले में पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है. ड्रोन कैमरे से पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है. हालात इससे ज्यादा न बिगड़े इसके लिए 6 जिलों से SSP रैंक के अधिकारियों को बुलाया गया है. इनमें चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़ और कानपुर देहात के SSP शामिल हैं. 

बाबरी की यादें हो गई ताजा
6 दिसंबर 1992 की यादें आज ताज़ा हो गई हैं. जिस तरह फतेहपुर में मज़ार के चारों तरफ बैरिकेडिंग की गई थी, उसी तरह बाबरी मस्जिद के भी चारों तरफ बैरिकेडिंग की गई थी और चारों तरफ पुलिस का पहरा था. मानो कोई परिंदा भी पर न मार सके लेकिन अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों के लाखों कारसेवक बैरिकेडिंग तोड़कर मस्जिद के गुंबदों पर चढ़ गए और मस्जिद गिरा दी गई. भीड़ ने करीब 6 घंटे तक उत्पात मचाया और पुलिस मूकदर्शक बनी देखती रही, ठीक वैसे ही जैसे आज भी पुलिस का रवैया गैरजिम्मेदाराना लगता है और उस समय भी पुलिस भीड़ के सामने बेबस दिखी थी और अब और भी बेबस दिख रही है.

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