Gaza Starvation: इज़राइल की नाकेबंदी और सैन्य हमलों की वजह से गाजा पट्टी के हालात बेहद गंभीर हो चुके हैं. बुधवार को 100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय चैरिटी और मानवाधिकार संगठनों ने कहा कि गाजा के लोग अब भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले रोज कई बच्चों की मौत भूख की वजह से हुई है.
इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यपूर्व दूत स्टीव विटकॉफ एक सीनियर इज़राइली अधिकारी से सीजफायर को लेकर बातचीत के लिए मिलने वाले हैं. यह संकेत है कि कई हफ्तों से रुकी बातचीत अब किसी नतीजे तक पहुंच सकती है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के चीफ टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने कहा कि गाजा में कुपोषण और उससे जुड़ी बीमारियों का प्रकोप खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. उन्होंने बताया कि गाजा की करीब 20 लाख आबादी का बड़ा हिस्सा अब भूखा है.
WHO के मुताबिक, 5 साल से कम उम्र के 30,000 से ज्यादा बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं. वहीं, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में से तकरीबन 20 फीसद महिलाएं गंभीर कुपोषण की शिकार हैं. अब तक 5 साल से कम उम्र के कम से कम 21 बच्चों की मौत कुपोषण से हो चुकी है.
इज़राइल का दावा है कि वह गाजा में पर्याप्त सहायता सामग्री पहुंचने दे रहा है, लेकिन युनाइटेड नेशन्स और सहायता एजेंसियां कहती हैं कि इज़राइली प्रतिबंध और सुरक्षा हालात उनके रास्ते की सबसे बड़ी रुकावट हैं.
115 इंटरनेशनल संगठनों जिनमें डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स, मर्सी कॉर्प्स और सेव द चिल्ड्रन जैसी संस्थाएं शामिल हैं, उन्होंने एक खुला पत्र जारी कर कहा कि उनके अपने कर्मचारी और जिन फिलिस्तीनियों की वे मदद कर रहे हैं, वे अब धीरे-धीरे मौत के मुंह में जा रहे हैं.
पत्र में लिखा गया कि इजराइल के जरिए लगाई गई रोक, देरी और पूरी घेराबंदी ने गाजा में अराजकता, भूख और मौत का माहौल बना दिया है.
इज़राइली विदेश मंत्रालय ने इस पत्र की आलोचना की और इन संगठनों पर हमास के प्रचार को दोहराने का आरोप लगाया. इज़राइल के मुताबिक, मई से अब तक करीब 4,500 ट्रकों को गाजा में प्रवेश करने दिया गया है, और अभी भी 700 ट्रक सहायता सामग्री के साथ खड़े हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र को वितरित करना है.
हालांकि यह तादाद औसतन 70 ट्रक हर रोज के बैठती है, जबकि युनाइटेड नेशन्स कहता है कि गाजा में हर रोज 500-600 ट्रकों की जरूरत है, जो इस साल की शुरुआत में एक छह हफ्ते के सीजफायर के दौरान पहुंचते थे.