Gonda News Today: साइंस की तरक्की ने इंसानी जिंदगी को आसाना बनाया है. इसकी वजह से गंभीर बीमारियों का इलाज भी मुमकिन हुआ है. हालांकि इस जमाने में भी कई ऐसे लोग हैं, जो फर्जी बाबाओं, पंडित, मौलवियों और फकीरों के चक्कर में पड़कर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. उत्तर प्रदेश में गोंडा जिले का नवाबगंज इसका उदाहरण है.
गोंडा के नवाबगंज थाना क्षेत्र में मौजूद धर्मपुरवा में हजरत गुप्ती शहीद शाह की दरगाह है. यहां पर पिछले 7 सालों से झाड़ फूंक, अंधविश्वास और आडंबर का धंधा चल रहा है. इसी अंधविश्वास के चक्कर में फंसकर कविता (18) नाम की युवती की जान चली गई.
मृतका कविता के पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी कई दिनों से बीमार थी. इलाज के बाद भी जब सुधार नहीं हुआ तो 1 मई को उसे मजार ले जाया गया, जहां मौजूद लोगों ने उसे शैतानी साया बताकर झाड़-फूंक शुरू की.पीड़ित पिता का आरोप है कि झाड़-फूंक के बहाने उसकी बेटी के साथ शारीरिक कपट किया गया, जिससे शनिवार को उसकी हालत बिगड़ गई और दोपहर में उसकी मौत हो गई.
इस घटना के बाद मजार पर मौजूद अरदास करने वाले फरार हो गए और शव हटाने का दबाव डालने लगे. पीड़ित पिता की शिकायत पर नवाबगंज पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 के तहत गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
मजार के पास झाड़-फूंक के नाम पर अंधविश्वास फैलाया जा रहा है, जहां समिति के अध्यक्ष एखलाख अहमद और दो अन्य लोग मिलकर इलाज के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. यहां बुखार, कैंसर, पेट दर्द, सिरदर्द और संतान संबंधी समस्याओं को ठीक करने का दावा किया जाता है. इलाज के नाम पर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति के हिसाब से 50 से 1000 रुपये तक ताबीज बेचे जाते हैं.
मजार से लगभग 20 मीटर की दूरी पर एक टीन शेड में बड़ा हाल भी बनाया गया है, जहां बीमार लोग कई-कई दिन रुकते हैं और गैस सिलेंडर पर खाना बनाकर अंधविश्वास में डूबे रहते हैं. यह स्थान धीरे-धीरे आस्था के बजाय ठगी और भ्रम का केंद्र बनता जा रहा है. इतना ही नहीं एक कमेटी बनाकर आपस में बंटवारा करके मजार पर कब्जा कर लिया गया है.
इसी मजार की एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें देखा जा सकता है कि सिंधु (20) नाम की युवती को जंजीर से लोहे के खंभे में बांधकर शैतानी साये के काबू में करने की कोशिश की जा रही है. बताया जा रहा है कि सिंधु गोंडा जिले के खानपुर बगिया की रहने वाली है और उसकी फैजाबाद में हुई है. उसके दो बच्चे भी हैं. यह वीडियो वायरल होने के बाद कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं.
गोंडा जिले के मनकापुर थाना क्षेत्र स्थित सिसवा गांव निवासी रूप नारायण अपनी 25 वर्षीय बहू रुचि को "शैतानी साया" हटवाने के लिए एक मजार पर ले गए हैं, जहां वे एक हफ्ते से अर्जी लगा रहे हैं. वहीं वजीरगंज के कोठा गांव के श्याम नारायण भी इसी मकसद से मजार पर पहुंचे.
बताया जा रहा है कि यह मजार लगभग 20 साल पुरानी है, लेकिन पिछले 7 सालों से यहां झाड़-फूंक का सिलसिला तेज हो गया है. खासकर कोरोना काल के बाद हर गुरुवार को यहां भीड़ जुटने लगी है. मजार पर दान-पात्र लगाया गया है, जिसमें श्रद्धालु पैसा डालते हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक, मजार कब्रिस्तान और ग्राम समाज की जमीन पर बनी है. अब यह स्थान आस्था से अधिक अंधविश्वास और अवैध कमाई का केंद्र बनता जा रहा है.
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