Gorakhpur: कुशीनगर के बाद गोरखपुर मस्जिद को गिराने का आदेश दिया गया है. विकास प्राधिकरण ने मस्जिद को गिराने के लिए 15 दिनों की डेडलाइन दी है. अथॉरिटी का कहना है कि मस्जिद को बिना नक्शा पास कराए बनाया गया था. 15 फरवरी को प्राधिकरण ने मस्जिद के दिवंगत मुतवल्ली के बेटे शुएब अहमद के ना पर नोटिस जारी किया था.
इस आदेश में लिखा है कि 15 दिनों में खुद ही अवैध निर्माण ध्वस्त कर लिया जाए, वरना प्राधिकरण ढहा देगा और तोड़ने का पूरा खर्चा वसूल करेगा. इस पर बुधवार को मंडलायुक्त के कोर्ट में सुनवाई भी होनी है. आपको बता दें इस मस्जिक की तामीर पिछले साल की गई थी.
मस्जिद की तरफ से इस जगह का अभी कोई पास किया गया नक्शा पेश नहीं किया गया है. मई 2024 को इस मामले में पीठासीन अधिकारी ने वाद दाखिल करते हुए इस मस्जिद की तामीर करने वाले को नोटिस जारी किया था और 30 मई तक ऑफिस में अपना पक्ष पेश करने का मौका दिया था. आरोप है कि पक्षकार तय की गई तारीख पर मौजूद नहीं हुए. इसके बाद 4 फरवरी और 15 फरवरी को जीडीए की ओर से तारीख तय करते हुए नोटिस जारी किया गया था.
शुएब अहमद का कहना है कि वह 15 फरवरी को जीडीए की सुनवाई में मौजूद हुए थे और उन्होंने अपना पक्ष रखा था. इसके पहले उन्होंने 14 फरवरी को डाक के जरिए लिखित जवाब भी दाखिल किया था. बता दें इससे पहले कुशीनगर के मस्जिद के बाहरी हिस्से को ध्वस्त किया गया था.
9 फरवरी 2025 को उत्तर प्रदेश प्रशासन ने कुशीनगर में मदनी मस्जिद पर कार्रवाई की थी और बाहरी और सामने के हिस्से को तोड़ दिया था. इस कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि यह विध्वंस 13 नवंबर 2024 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है.