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Gyanvapi Case: मंदिर ट्रस्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने की मरम्मत और नमाजियों को रोकने की मांग की

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद में दक्षिणी तहखाने की हालत जर्जर है. काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ने अदालत से मांग की है कि इस तहखाने की मरम्मत की इजाजत दी जाए. यहां नमाजियों के लिए रोक की मांग की गई है.

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Gyanvapi Case: मंदिर ट्रस्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने की मरम्मत और नमाजियों को रोकने की मांग की
Siraj Mahi|Updated: Mar 05, 2024, 01:47 PM IST
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Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मौजूद ज्ञानवापी मस्जिद पर विवाद के बीच काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) विश्व भूषण मिश्रा ने ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने की छत की मरम्मत के लिए जिला न्यायाधीश की अदालत में एक आवेदन किया है. सोमवार को दिए गए आवेदन में कहा गया कि नमाज पढ़ रही भीड़ की वजह से हुए कंपन से छत से एक पत्थर गिर गया. पत्थर गिरने से किसी को चोट लगने की खबर नहीं है.

नमाजियों को रोकने की मांग
ज्ञानवापी मामलों के विशेष सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने कहा, मंदिर ट्रस्ट के CEO ने दक्षिणी तहखाने की छत पर नमाज के लिए पहुंचने वाले नमाजियों की भीड़ को भी रोकने की मांग की है. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख तय की है. अपने आवेदन में, मिश्रा ने उल्लेख किया कि जिला न्यायाधीश की अदालत के 31 जनवरी के आदेश के मुताबिक, मंदिर ट्रस्ट बोर्ड ने ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने के अंदर देवताओं की नियमित पूजा के लिए एक पुजारी की व्यवस्था की है.

तहखाने की हालत जर्जर
उन्होंने कहा, “पुजारी ने बताया कि तहखाने की दीवारें और छत जर्जर हालत में हैं और छत से पानी भी रिस रहा है. छत की एक बीम में दरार दिख रही है. पिछले कुछ हफ्तों में यहां नमाज़ पढ़ने के लिए पहुंचने वाले लोगों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है.” उन्होंने कहा, "15 फरवरी को कई नमाजी दक्षिणी तहखाने की छत पर इकट्ठा हुए. अधिक भार और कंपन के कारण पत्थर का एक टुकड़ा टूटकर फर्श पर गिर गया. किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए छत की मरम्मत जरूरी है.

कथित शिवलिंग की पूजा
इससे एक दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी अदालत को निर्देश दिया कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की मांग वाले आवेदन पर जल्द ही फैसला लेने को कहा है. अदालत ने निर्देश दिया है कि इसकी रिपोर्ट 8 हफ्तों में जमा की जानी चाहिए. हाल ही में अदालत के आदेश पर मस्जिद परिसर कार AI सर्वे किया गया था. इसमें कथित शिवलिंग मिला था. हिंदू पक्ष का दावा है कि यह शिवलिंग है. जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह फव्वारा है.

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