Gyanvapi Hearing: इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज ज्ञानवापी मामले की सुनवाई होगी. वजूखाना के एएसआई सर्वे को लेकर दायर याचिका पर कोर्ट विचार करने वाला है. मस्जिद परिसर में एक संरचना को लेकर विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वज़ुकाहाना को सील कर दिया था. इस वजूखाने को लेकर हिंदू पक्ष का कहना है कि यह एक शिव लिंग है, वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह एक पानी का फव्वारा है.
पिछले साल 28 नवंबर को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने एक बयान में मस्जिदों और दरगाहों के संबंध में देश भर की अदालतों में अलग-अलग दावों पर फिक्र का इजहार किया था और ऐसे दावों को "कानून और संविधान का खुला मजाक" बताया था.
बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास ने कहा था, "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा की शाही ईदगाह, मध्य प्रदेश की भोजशाला मस्जिद, लखनऊ की टीले वाली मस्जिद और संभल की जामा मस्जिद पर दावे के बाद अब ऐतिहासिक अजमेर दरगाह पर दावा किया गया है. कानून के प्रावधानों के बावजूद अदालत ने विष्णु गुप्ता की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है और पक्षों को नोटिस जारी किया है."
AIMPLB ने इस बात पर रोशनी डाली कि अजमेर की एक सिविल कोर्ट ने "दुर्भाग्य से" एक याचिका स्वीकार कर ली है जिसमें आरोप लगाया गया है कि अजमेर दरगाह संकट मोचन महादेव मंदिर है. पिछले साल 22 अक्टूबर को वादी राखी सिंह के जरिए हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित वज़ूखाना का ASI सर्वेक्षण करने का अनुरोध किया गया था.