trendingNow/zeesalaam/zeesalaam02566639
Home >>Indian Muslim

Hajj Committee पर ओवैसी के संगीन इल्जाम; प्रदर्शन करेंगे नौकरी से निकाले गए कर्मचारी

Hajj Committee Corruption: हज कमेटी ऑफ इंडिया ने 40 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. जिसके खिलाफ कर्मचारी कल प्रोटेस्ट करने वाले हैं. बता दें हज कमेटी ऑफ इंडिया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते आए हैं.

Advertisement
Hajj Committee पर ओवैसी के संगीन इल्जाम;  प्रदर्शन करेंगे नौकरी से निकाले गए कर्मचारी
Sami Siddiqui |Updated: Dec 20, 2024, 10:38 AM IST
Share

Hajj Committee: हज कमेटी ऑफ़ इंडिया ने 40 लोगों को नौकरी से निकाला है. इस एक्शन से खफा कर्मचारी कल प्रोटेस्ट करने वाले हैं. बता दें, कल हज कमेटी आफ़ इंडिया की मीटिंग भी है. ओवैसी ने इस मुद्दे को पार्लियामेंट में भी उठाया था. उन्होंने कहा कहा था कि कमेटी से कर्मचारियों को अवैध तरीके से निकाल दिया गया. उन्होंने इस दौरान कमेटी पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए थे.

क्या थे ओवैसी के आरोप?

ओवैसी ने अगस्त के महीने में पार्लियामेंट में इस मुद्दे को उठाया था और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजूको खत लिखा था. आइये जानते हैं कि ओवैसी के क्या आरोप थे.?

- परमानेंट सीईओ को नियुक्त नहीं किया गया, जिसका इश्तेहार 3-11-23 को दिया गया था. जिसकी वजह से हाजियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा.

- सीनियर अधिकारी ने भवन सर्वे सेलेक्शन कमेटी को प्रभावित किया, ताकि वह खुद को इसका अध्यक्ष नियुक्त कर सके.

- अधिकारियों  ने घटिया भवनों का चयन किया था जिससे हज यात्रियों को असुविधा और परेशानी हुई. इससे सेलेक्शन से अधिकारियों को फायदा हुआ.

- कर्मचारियों की गलत तरीके से बर्कास्तगी की गई. कमेटी ने उन लोगों को निकाला जो पिछले 14-15 साल से यहां काम कर रहे थे और अपनी फील्ड में एक्सपर्टीज रखते थे. ये कर्मचारी केवल 30-35 हजार का वेतन ले रहे थे.

- सीनियर अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों को हज कमेटी के दिल्ली ऑफिस में नियुक्त किया.

- इस भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारी अपना ट्रांसफर भी प्रभावित कर रहा है. पिछले 8 सालों  से उसका ट्रांसफर नहीं किया गया है. जो सीएसएस के नियमों के खिलाफ है.

- एक सीनियर अधिकारी पर एचजीओ के पैसों को हज कमेटी से मंत्रालय के फंड में ट्रंसफर करने में दकल देना का भी आरोप है, ताकि इसका इस्तेमाल निजी खर्चे के लिए किया जा सके.

इन मुद्दों को लेकर अगस्त के महीने में असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू से शिकायत की थी. अपने इस पत्र में उन्होंने गुजारिश की थी कि इस मसले में स्वतंत्र जांच की जाए और नियमित सीईओ की तत्काल नियुक्ति की जाए.

Read More
{}{}