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देवभूमि संघर्ष समिति करेगी संजौली मस्जिद पर हनुमान चालीसा का पाठ, प्रशासन अलर्ट

Hanuman Chalisa on  Sanjauli Masjid: शिमला नगर निगम आयुक्त ने 3 मई को संजौली मस्जिद को अवैध बताते हुए इसे हटाने के आदेश दिए थे. इस आदेश को वक्फ बोर्ड जिला अदालत में चुनौती दी है. दूसरी तरफ मस्जिद को हटाने की मांग करते हुए देवभूमि संघर्ष समिति मगंलवार को इसके सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया है.    

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फाइल फोटो
फाइल फोटो
Zee Salaam Web Desk|Updated: May 19, 2025, 11:43 PM IST
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Sanjauli Masjid Controversy: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में स्थित मस्जिद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे है. हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड ने शिमला नगर निगम कोर्ट के फैसले को जिला अदालत में चुनौती दी है. इसके बाद देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली मस्जिद के बाहर एक बार फिर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है, जिससे एक बार फिर मस्जिद विवाद ने तूल पकड़ लिया. 
 
हिमाचल प्रदेश देवभूमि संघर्ष समिति ने विवादित संजौली मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान किया है. समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि मंगलवार (20 मई) को शाम 5 बजे मस्जिद प्रांगण में हनुमान चालीसा का पाठ शांतिपूर्वक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी तरह की नारेबाजी और तोड़फोड़ नहीं की जाएगी. 

पाठ में शामिल हो सकते हैं कई संगठन 

देवभूमि संघर्ष समिति सह संयोजक मदन ठाकुर ने सरकार और पुलिस प्रशासन पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया. मदन ठाकुर ने कहा कि विवादित क्षेत्र में हनुमान चालीसा के पाठ को लेकर मामला दर्ज करने की बात की जा रही है, जबकि हमीरपुर में टूटे हिंदू मंदिर के मामले में पुलिस प्रशासन ने क्या कदम उठाए, यह किसी को नहीं पता. 

देवभूमि संघर्ष समिति के आह्वान पर होने वाले हनुमान चालीसा के पाठ को लेकर शहर में चर्चा का बाजार गर्म है. माना जा रहा है कि समिति के सदस्य और अन्य हिंदू संगठन इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. मदन ठाकुर ने कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ करने का उद्देश्य शांति और सौहार्द का संदेश देना है. देवभूमि संघर्ष समिति के इस आह्वान के बाद शिमला पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है. 

क्या है विवाद?

दरअसल, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में स्थित पांच मंजिला मस्जिद अवैध निर्माण को लेकर विवादों में घिर गई है. जानकारी के मुताबिक, मस्जिद का विस्तार साल 2007 के बाद शुरू हुआ था और 2010 में इसे अवैध करार देते हुए इस पर मामला दर्ज किया गया था. दावा है कि 14 सालों में मस्जिद में चार और मंजिलें बना दी गई हैं. 

इस मामले में नगर निगम ने 44 बार सुनवाई की, लेकिन किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा. पिछले महीने कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि मस्जिद का विस्तार उनकी निजी जमीन पर किया जा रहा है. इससे दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई. मस्जिद को लेकर अब यह विवाद सामाजिक और राजनीतिक रुप से भी तूल पकड़ता जा रहा है. 

हिंदू संगठनों ने हाल ही में चौरा मैदान में प्रदर्शन कर मस्जिद की चार मंजिलों को अवैध बताते हुए इसे तुरंत गिराने की मांग की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बीते दस सालों में कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे पहले इसी माह 3 मई को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने संजौली मस्जिद में हुए निर्माण को अवैध करार देते हुए इसे हटाने के आदेश दिए थे. वक्फ बोर्ड ने शिमला नगर निगम आयुक्त के फैसले को जिला अदालत में चुनौती दी है. इससे पहले बीते साल 5 अक्टूबर को भी नगर निगम ने मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को तोड़ने का आदेश दिया था.

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