Syed Salar Masood Ghazi Urs Barabanki: उत्तर प्रदेश में संभल और बहराइच के बाद अब बाराबंकी में भी सैयद सालार साहू गाजी बूढ़े बाबा की मजार पर लगने वाले सालाना उर्स का आयोजन नहीं होगा. जिले के सतरिख थाना क्षेत्र में स्थित सैयद सालार साहू गाजी की मजार इस बार 14 मई से 18 मई तक पारंपरकि मेला और उर्स का आयोजन किया जाना था.
दरअसल, कई हिंदू संगठन संभल और बहराइच के बाद इस दरगाह पर भी मेला नहीं आयोजित करने की मांग कर रहे थे. जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने शांति व्यवस्था की विषम परिस्थितियों को देखते हुए मजार के प्रबंधन कमेटी के सदस्यों को मेले का आयोजन न करने के निर्देश दिये हैं.
साथ में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन के जरिये मेले के आयोजन की अनुमति भी नहीं दी गयी है. मेला और उर्स पर रोक लगने की वजह से प्रबंधन कमेटी ने बाराबंकी जिले के साथ आसपास के इलाकों से आने वाले जायरीन को यहां न आने की अपील की है. इसको लेकर प्रबंधन कमेटी की तरफ से सोशल मीडिया जायरीन से अपील की वीडियो जारी की गई है.
वीडियो संदेश में प्रबंधन कमेटी ने लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी, रायबरेली, बहराइच, गोंडा, उन्नाव, हरदोई, लखीमपुर खीरी और सीतापुर सहित अन्य जगहों से आने वाले श्रद्धालुओं से मेले में न आने को कहा गया है. मेले के आयोजन को रोकने को पर पुलिस प्रशासन पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
दरअसल, बाराबंकी जिले के सतरिख स्थित मजार सैयद सालार साहू गाजी पर इस साल मेला आयोजित नहीं किया जाएगा. प्रशासन ने सुरक्षा कारणों के चलते आयोजन की इजाजत देने से इंकार कर दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक, बीते कुछ दिनों में स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों ने इस मजार के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराते हुए मेले पर रोक लगाने की मांग की थी.
हिंदू संगठनों का कहना है कि यह मजार महमूद गजनवी के सेनापति सालार साहू गाजी की है, जिसने इतिहास में सोमनाथ मंदिर पर हमला किया था और कथित तौर पर जबरन धर्म परिवर्तन करवाया था. हिंदू संगठनों का दावा है कि ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर इस स्थल को सूफी संत की मजार बताकर मेला आयोजित किया जाता है, जो देश की अस्मिता के खिलाफ है.
इससे पहले मेला समिति ने 14 से 15 मई को उर्स के आयोजन की इजाजत मांगी थी, लेकिन पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में साफ कर दिया कि वर्तमान हालात को देखते हुए मेला नहीं होना चाहिए. थाना प्रभारी अमर चौरसिया ने प्रशासन को रिपोर्ट भेजकर आयोजन से इंकार किया. अब मेला समिति ने सभी तैयारियां रोक दी हैं और दुकानदारों को जमीन आवंटन भी नहीं किया जा रहा है.