Hyderabad News Today: गौरक्षा के नाम लगातार देशभर में मुसलमानों पर हमले हो रहे हैं. बीते कुछ महीनों में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई जगहों पर कथित गौरक्षकों ने मुस्लिम नौजवानों पर हमला किया, जिसमें कुछ लोगों की मौत हो गई. कथित गौरक्षकों ने तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में भी सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की, जब उन्होंने एक बैल लेकर जा रहे एक मुस्लिम ड्राइवर पर हमला कर उसे लूट लिया.
यह पूरा मामला हैदराबाद के अत्तापुर थाना क्षेत्र का है. इस मामले में साइबरबाद पुलिस ने पांच आरोपियों गिरफ्तार किया है, जिन्होंने खुद को 'गौ रक्षक' बताते हुए बैलों को ले जा रहे एक मुस्लिम ड्राइवर पर हमला कर उसे लूट लिया. इस घटना के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी, जिसमें ड्राइवर और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए.
यह घटना ईद-उल-अजहा (बकरीद) के एक दिन बाद रविवार (8 जून) की है. हैदराबाद पुलिस की सतर्कता और सूझबूझ से बड़ा मामला टल गया. सोमवार (9 जून) को गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि इस मामले में आठ अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं.
इस घटना के बारे में अत्तापुर पुलिस ने बताया कि अत्तापुर के रहने वाले अकुला विवेक (20), मनोज कुमार शर्मा (32) और कंडेघर दत्तात्रेय (25) ने एक गाड़ी का पीछा किया. इस गाड़ी पर बैलों को लादकर दबीरपुरा के मवेशी यार्ड से मोहम्मद मोइन के मवेशी यार्ड तक ले जाया जा रहा था. रात को करीब साढ़े 9 बजे, जब गाड़ी अत्तापुर में मलिया टॉवर के पास पहुंची, तो विवेक ने दो अन्य आरोपियों के साथ मिलकर गाड़ी को रोक लिया.
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने खुद को 'गौरक्षक' बताते हुए तुरंत मोबाइल से "कट्टर हिंदू सेना" नाम के व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए अन्य आरोपियों को सूचना दी. इसके बाद मौके पर 11 अन्य लोग पहुंच गए और उन्होंने गैर-कानूनी ढंग से भीड़ इकट्ठा कर "जय श्री राम" का नारा लगाते हुए पथराव शुरू कर दिया.
मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि इस हमले के दौरान अंबदास (आरोपी नंबर 1) ने पीड़ित ड्राइवर के पेट पर पत्थर मारा, जिससे बुरी तरह से जख्मी हो गया और दर्द की वजह से अपनी गाड़ी से गिर गया. इसके बाद कथित गौरक्षकों की भीड़ ने पीड़ित की बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी. इतना ही नहीं आरोपियों ने पीड़ित ड्राइवर का मोबाइल फोन और बैलों को लाने के लिए मिले दो हजार रुपये नकत भी छीन लिया.
इसी दौरान कुछ लोग पीड़ित ड्राइवर के समर्थन में आ गए और देखते ही देखते एक भीड़ इकट्ठी हो गई. इसके बाद दोनों ग्रुपों में तीखी बहस और नोंकझोंक होने लगी, जो जल्द ही एक हिंसक झड़प में बदल गई और दोनों समूहों ने एक-दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया, जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए.
मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस फोर्स पहुंच गई और किसी तरह से पीड़ित ड्राइवर को बचाया. मौके से किसी तरह ड्राइवर और दोनों बैलों को पुलिस अत्तापुर थाने लेकर चली गई. पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद हालात पर काबू कर लिया.
सोमवार को पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर दंगा, डकैती, गलत तरीके से रोकना, जानबूझकर अपमानित करने, आपराधिक धमकी, धार्मिक भावनाओं को भड़काने के इरादे से दो ग्रुपों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना, गैरकानूनी सभा और सामान्य उद्देश्य को पूरा करने में नुकसान पहुंचाने जैसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
सियासत में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल पुलिस ने इस घटना के लिए जिम्मेदार पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर 24 घंटे के भीतर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस के मुताबिक, अंबदास, मनीष, अनिल, गणेश, आकाश, अनिल, ठाकुर विनय सिंह और चिंदालिया अमन कुमार नाम के आरोपी अभी भी फरार हैं. जिसकी पुलिस तलाश में जुटी हुई है.
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