Hyderabad News Today: हैदराबाद में पुलिस की बर्बरता और क्रूरता का एक भयावह चेहरा सामने आया है. इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने तेलंगाना पुलिस पर ऑटो ड्राइवर मोहम्मद इरफान की पिटाई से हुई मौत के मामले में खुद संज्ञान लिया है.
यह घटना 13 मई को हुई थी, जब 35 वर्षीय इरफान अपनी पत्नी नाहिदा के परिवार के साथ राजेंद्रनगर पुलिस स्टेशन गया था. मामला पति-पत्नी के आपसी विवाद से जुड़ा था. इस घटना के उजागर होने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल खड़े होने लगे हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, पहले तो पुलिस ने दोनों पक्षों की काउंसलिंग की, लेकिन इसके बाद इरफान को एक कमरे में ले जाकर रबर की बेल्ट से बुरी तरह पिटाई की. मृतक इरफान के भाई सादिक घटना वाले दिन मौके पर मौजूद थे. सादिक ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके भाई इरफान को बुरी तरह से पीट रही थी और उनकी चीखें बाहर तक सुनाई दे रही थी.
मृतक के भाई सादिक ने बताया कि जब पुलिस उनके भाई इरफान को प्रताड़ित कर रही थी, तो एक कांस्टेबल ने उन्हें मौके से भगा दिया. करीब एक घंटे बाद इरफान थाने की सीढ़ियों पर उल्टी करता हुआ बाहर आया और वहीं गिर पड़ा. पुलिस ने कहा कि इरफान को कुछ नहीं हुआ है, लेकिन स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ती देख परिवार ने उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया.
निजी अस्पताल में इरफान की हालत में सुधार न होता देखकर पीड़ित परिवार वालों ने उसे उस्मानिया अस्पताल में में भर्ती कराया. जहां डॉक्टरों ने चिकित्सकीय परीक्षण के बाद इरफान को मृत घोषित कर दिया. पीड़ित परिजनों ने राजेंद्रनगर पुलिस को इरफान की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
सादिक ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि क्या पुलिस को वैवाहिक विवाद में किसी को पीटने का हक है? उन्होंने आलाधिकारियों से इंसाफ की गुहार लगाते हुए मांग की कि पुलिस स्टेशन में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई हो. हालांकि, पुलिस ने इस मामले में सिर्फ 'संदिग्ध मौत' के तहत मामला दर्ज किया है.
इसके उलट मृतक इरफान की पत्नी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उसका किसी और महिला के साथ नाजायज संबंध था. पत्नी के मामूली आरोप पर पुलिस की कथित पिटाई से इरफान की मौत सवालों के घेरे में हैं. NHRC ने इस मामले पर तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक (DGP) से दो हफ्तों के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
बता दें, NHRC एक वैधानिक संस्था है. जिसकी स्थापना 1993 में की गई थी. इसका काम नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा करना और सरकार की ओर से होने वाले अत्याचारों की जांच करना है. पुलिस प्रताड़ना से इरफान की संदिग्ध मौत मामले में NHRC ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.