Patna News Today: राजधानी पटना के दानापुर में फुलवारी शरीफ स्थित इमारत ए शरिया की तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. संस्था के नाजिम मुफ्ती सैयदुर रहमान कासमी ने बताया कि मजलिस-ए-अरबाब-ए-हल व अकद की बैठक में 6 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए हैं. इसके तहत बैठक में संशोधित वक्फ कानून के खिलाफ विरोध करते हुए गांधी मैदान में एक बड़ी जनसभा आयोजित करने का फैसला लिया गया है.
मुफ्ती सैयदुर रहमान कासमी ने बताया कि इस सभा में एनडीए के किसी भी सदस्दय को आने की इजाजत नहीं होगी, लेकिन अन्य राजनीतिक दलों का स्वागत किया जाएगा. साथ ही, बैठक में फिलिस्तीन के मजलूमों के साथ एकजुटता दिखाने और भारत सरकार से इजराइल का समर्थन बंद करने की मांग की गई है. इसके अलावा इजराइल के जरिये गाजा में किए जा रहे नरसंहार की कड़े शब्दों में निंदा की गई, जिसमें हजारों बेगुनाह फिलिस्तीनी खास करके मुस्लिम महिलाएं और बच्चे शहीद हो गए हैं.
मजलिस-ए-अरबाब-ए-हल व अकद ने भारत सरकार से मांग की कि वह इजराइल से सभी तरह का राजनीतिक, सैन्य या कूटनीतिक समर्थन तुरंत बंद करे और विश्व समुदाय की आपसी सहमति के साथ खड़े होकर फिलिस्तीन के लोगों का समर्थन करें.
फुलवारी शरीफ में आयोजित इजलास मिल्लत-ए-इस्लामिया ने मजलूम फिलिस्तीनियों के समर्थन में सामूहिक दुआ, जागरूकता और मदद करने की अपील की है. बैठक में युवाओं में बढ़ती नशाखोरी और महिलाओं के बीच सामूहिक लोन के जरिए हो रहे शोषण पर गहरी चिंता जताई गई. इजलास ने इमारत-ए-शरिया से आग्रह किया कि इन मुद्दों को शैक्षिक और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का हिस्सा बनाया जाए, ताकि समाज में जागरूकता बढ़े और नई पीढ़ी इन खतरों से महफूज रह सके.
पटना इमारत शरिया ने वक्फ कानून के खिलाफ पटना के गांधी मैदान में अल्पसंख्यकों की जनसभा आयोजित करने का ऐलान किया. संस्था के पदाधिकारियों ने कहा कि इस जनसभा में सियासी पार्टियों के साथ सभी धर्मों के लोग शामिल होंगे, लेकिन एनडीए गठबंधन के घटक दलों की एंट्री नहीं होगी.
बिहार झारखंड उड़ीसा में अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाली संस्था इमारत शरिया के नायब मौलाना अब्दुल रहमान कासमी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित जनसभा में देशभर मुसलमानों के साथ-साथ हिंदू, सिख, ईसाई और अन्य धर्म के लोग भी बड़ी संख्या में शामि होंगे. उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन का मकसद केंद्र सरकार की जन विरोधी नीति वक्फ कानून का पुरजोर विरोध करना है.
इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या वक्फ जैसे काले कानून को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय नीतीश कुमार से नाखुश है. इसके जवाब में मौलाना अब्दुल रहमान कासमी ने कहा, "इस कानून के खिलाफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमलोगों का साथ नहीं दिया." उन्होंने आगे कहा, "नीतीश सरकार ने इस कानून का विरोध करने की बजाय इसका समर्थन किया. इसकी वजह से अल्पसंख्यक समुदाय में उनके खिलाफ काफी नाराजगी है."
इमारत शरिया के नायब मौलाना अब्दुल रहमान कासमी ने कहा, "गांधी मैदान में होने वाली जनसभा में वक्फ कानून के खिलाफ विरोध में होगी. इसका किसी भी सियासी पार्टी से कोई ताल्लुक नहीं है. हम लोग किसी भी सियासी पार्टी को इसका फायदा नहीं उठाने देंगे." उन्होंने कहा, "यह वक्फ कानून के खिलाफ आंदोलन है. केंद्र सरकार काला कानून लाई है और इस कानून को अल्पसंख्यक समुदाय के लोग कतई मानने को तैयार नहीं हैं."